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नीतीश कैबिनेट में SC-ST कल्याण मंत्री और जीतन राम मांझी के बेटे डॉ. संतोष सुमन ने खुद से इस्तीफा नहीं दिया था। उनसे बिहार के CM नीतीश कुमार ने इस्तीफा लिया था। इस बात की पुष्टि तब हो गई, जब नीतीश कुमार ने शुक्रवार खुद कहा कि वे विपक्षी एकता की बैठक में रहते तो मुखबिरी करते, यहां की रणनीति बीजेपी को जाकर बता देते।इधर, जीतन राम मांझी ने NDA की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए हैं। उनके बेटे संतोष सुमन ने कहा कि मोदी जैसा कोई नहीं। साथ ही विपक्षी एकता पर भी तंज कसा।दरअसल, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी लगातार महागठबंधन के खिलाफ बयान दे रहे थे। महागठबंधन के नेताओं को यह रास नहीं आ रहा था कि मांझी विपक्षी एकता की बैठक से पहले सीट बंटवारे की बात क्यों कर रहे हैं?मांझी अपने इलाके के विकास के लिए भाजपा नेता और गृह मंत्री अमित शाह से क्यों मिलने गए थे? महागठबंधन के नेताओं को यह बात भी पच नहीं रही थी।जीतन राम मांझी पर जदयू ने पैनी निगाह रखी थी। यह लगाया गया कि आखिर वह किसके इशारे पर यह सब कर रहे हैं। जब पता चला कि मांझी बड़े गेम में शामिल हैं तो जदयू के नीचे से जमीन खिसक गई। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संतोष सुमन मांझी का इस्तीफा लेना ही बेहतर समझा।दरअसल, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी लगातार महागठबंधन के खिलाफ बयान दे रहे थे। महागठबंधन के नेताओं को यह रास नहीं आ रहा था कि मांझी विपक्षी एकता की बैठक से पहले सीट बंटवारे की बात क्यों कर रहे हैं?मांझी अपने इलाके के विकास के लिए भाजपा नेता और गृह मंत्री अमित शाह से क्यों मिलने गए थे? महागठबंधन के नेताओं को यह बात भी पच नहीं रही थी।जीतन राम मांझी पर जदयू ने पैनी निगाह रखी थी। यह लगाया गया कि आखिर वह किसके इशारे पर यह सब कर रहे हैं। जब पता चला कि मांझी बड़े गेम में शामिल हैं तो जदयू के नीचे से जमीन खिसक गई। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संतोष सुमन मांझी का इस्तीफा लेना ही बेहतर समझा।
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