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उत्तरप्रदेश में मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद की बड़ी बैठक चल रही है। जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय सचिव मौलाना नियाज अहमद फारूकी ने कहा आज हमारे देश को धर्म के आधार पर बटा जा रहा है। मुस्लिमो को टारगेट किया जा रहा है। युवा लोगो को धर्म के नाम पर गलत बात बताई जा रही है। इस्लामी सभ्यता और संस्कृति के खिलाफ और निराधार आरोपों को जोरों से फैलाया जा रहा है। सत्ता में बैठे लोग कानूनी कार्रवाई करने के बजाय उन्हें स्वतंत्र छोड़ कर प्रोत्साहित कर रहे हैं।” मौलाना नियाज अहमद ने कहा की बैठक का मुख्य उदेश्य है जिस तरह इस्लाम को बदनाम किया जा रहा है। उसे हमे रोकना होगा जमीयत उलमा-ए-हिंद इस्लाम को कभी बदनाम नहीं होने देगा। मौलाना नियाज अहमद फारूकी कहना है की राजनीतिक वर्चस्व के लिए बहुसंख्यकों की धार्मिक भावनाओं को अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काना देश से दुश्मनी बढ़ रही है।
फारूकी का कहना है अगर फासीवादी संगठनों को लगता है कि देश के मुसलमान ज़ुल्म की जंजीरों में फंसेंगे तो यह उनकी भूल है। आज का मुस्लिम डरेगा नहीं लड़ेगा। उन्होंने सभी मुस्लिम युवा से कहा की भारत में इस्लामोफोबिया और मुस्लिम विरोधी उकसावे की घटनाएं बढ़ रही हैं। मुस्लिम गुरु ने कहा देश की सत्ता ऐसे लोगों के हाथ में है जो सदियों पुरानी भाईचारे की पहचान को बदलना चाहते हैं। उन्हें सिर्फ सत्ता से प्यार है। हम आपको बता दे कि 25 राज्यों से इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कई मुस्लिम संगठन और मौलाना पहुंचे हैं। जमीयत उलमा-ए-हिंद के मेंबर ने कहा सभी धर्मों के बीच आपसी सद्भाव का संदेश देने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 14 मार्च को ‘इस्लामोफोबिया की रोकथाम के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ मनाया जाना चाहिए। भारतीय मुसलमानों के लिए न्याय और अधिकारिता पहल नामक एक स्थायी विभाग बनाया गया है, जिसका उद्देश्य अन्याय को रोकने के लिए रणनीति विकसित करना है।
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