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अवैध कालोनियों को वैध करने की नीति जल्द आ सकती हैं। इसको लेकर मंथन किया जा रहा हैं। मंथन की बैठक में मुख्य रहेगा की वर्तमान में नियमों के बावजूद अवैध कालोनियों को वैध करने में क्या परेशानियां आ रही है। नगर निगम आयुक्तों से सुझाव लिए जाएंगे और इसके आधार पर प्रस्ताव तैयार कर मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आठ दिसंबर को एक सभा में कहा था कि प्रदेश के सभी 413 शहरों में सभी अवैध कालोनियों को वैध किया जाएगा। कई बार जब नियम प्रक्रिया बनाते हैं तो इतने जटिल बना देते हैं कि कार्य हो ही नहीं पाएं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि नियमों में सरलीकरण करेंगे और नाम मात्र की राशि पर सभी 413 शहरों की कालोनियों को वैध करने का निर्णय लिया जाएगा। कोई प्रक्रिया नहीं, एक न्यूनतम राशि जमा करवाएंगे। उन्होंने कहा था कि नियम प्रक्रिया जनता को सुविधा देने के लिए हैं। उलझाने के लिए नहीं, सुलझाने के लिए है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि अगर नियम में सरलीकरण नहीं किया तो मैं कार्रवाई करूंगा।
प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में अवैध कालोनियों को वैध करने की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई और नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त भरत यादव आज भोपाल में नगरीय प्रशासन एवं आवास संचालनालय में बैठक करेंगे। बैठक में भोपाल नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी और अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इस बैठक में देखा जाएगा कि वर्तमान में नियमों के बावजूद अवैध कालोनियों को वैध करने में क्या परेशानियां आ रही है। नगर निगम आयुक्तों से सुझाव लिए जाएंगे और इसके आधार पर प्रस्ताव तैयार कर मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री दो दिन पहले ही घोषणा की हैं कि प्रदेश की अवैध कालोनियां वैध की जाएंगी। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद नगरीय विकास एवं आवास विभाग नीति में संशोधन की कवायद में जुट गया है। वर्ष 2016 के सर्वे के अनुसार प्रदेश के 413 शहरों में साढ़े सात हजार अवैध कालोनियां है।
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