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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में केन्द्र सरकार की ओर से चलाई गई योजनाओं और कार्यों से देश के राजस्व को हुए फायदे और गरीबों को मिले लाभ की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के समय 1 में से 15 पैसे ही जनता तक पहुंचते थे लेकिन अब उनकी सरकार में गरीबों को उनका हक मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने गरीबों को झूठे नारे नहीं, बल्कि सच्चा विकास दिया है।
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का उत्तर देते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी के जातिगत मुद्दे उठाए जाने पर भी पलटवार किया और बताया कि उनकी सरकार कैसे देश की एकता बनाए रखते हुए समावेशी विकास के लिए कार्य कर रही है। उनकी सरकार संविधान की भावना लेकर चलती है और उनकी पार्टी जहर की राजनीति नहीं करती। उन्होंने कहा कि देश की एकता हमारे लिए सर्वोपरि है। इसीलिए हमने स्टैचू ऑफ यूनिटी बनाई है।
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की ओर से ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने का भी उल्लेख किया और कहां की जिन लोगों को आज जातिवाद में मलाई दिखती है उन लोगों को उसे समय ओबीसी की याद नहीं आई।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में मान्य विपक्ष नहीं होने के बावजूद संविधान की भावना को बनाए रखते हुए कई महत्वपूर्ण समितियां में नेता विपक्ष से जुड़ी बाध्यता दूर किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पहले चुनाव आयोग में नियुक्ति केवल प्रधानमंत्री ही अपने स्तर पर कर दिया करते थे लेकिन उनकी सरकार ने आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया में विपक्ष के नेता को भी शामिल कराया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का हमेशा से प्रयास कर रहा है कि योजनाओं का साथ प्रतिशत लाभ लाभार्थियों तक पहुंचे। लेकिन पिछली सरकारों का मॉडल तुष्टिकरण की राजनीति का रहा है। देश को विकसित बनाने के लिए तुष्टीकरण से मुक्ति पानी होगी और इसके लिए हमने संतुष्टीकरण का रास्ता चुना है। हर समाज हर वर्ग के लोगों को उनका हक मिलना चाहिए।
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेत्री सोनिया गांधी के बयान पर निशाना साधा और कहा कि एक महिला राष्ट्रपति का सम्मान नहीं किया गया। यह राजनीतिक हताशा का परिणाम है। उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर गांधी परिवार के तीन सदस्यों सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के संसद में बैठने पर भी कटाक्ष किया और कहा कि क्या एससी और एसटी परिवारों से एक ही समय में संसद के तीन सदस्य रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी के विदेश नीति पर बोलने पर भी कड़ा प्रहार किया और कहा कि उन्हें ‘जेएफसी फॉरगॉटेन क्राइसिस’ नामक पुस्तक पढ़नी चाहिए जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के कार्यकाल में विदेश नीति की क्या स्थिति थी इसका वर्णन है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का भी उल्लेख किया और कहा कि 7 दशक तक वहां के लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार युवा भविष्य के लिए काम कर रही है लेकिन कुछ दल वादा करके उन्हें पूरा नहीं करते। इस संदर्भ में उन्होंने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि यह दल युवाओं के भविष्य पर ‘आप-दा’ बनकर गिरे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले अखबारों की हेडलाइन घोटाले से जुड़ी होती थी लेकिन अब लाखों करोड़ों रुपये की बचत हो रही है और इन पैसों का उपयोग ‘शीश महल’ बनाने के लिए नहीं किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने बजट से जुड़ी योजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2014 तक 2 लाख तक की आय कर मुक्त होती थी लेकिन आज 12 लाख रुपये तक की आय करमुक्त है। प्रधानमंत्री ने डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट का भी उल्लेख किया जिसमें नल से शुद्ध जल मिलने के कारण लोगों के बीमारियों पर होने वाले खर्चे में औसत 40 हजार की कमी आई है। उन्होंने विश्व कैंसर दिवस पर लांसेट जनरल की एक रिपोर्ट का भी उल्लेख किया जिसमें कहा गया है कि आयुष्मान योजना के चलते गरीब परिवार कैंसर का शीघ्र उपचार कर पा रहे हैं।
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