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नई दिल्ली। एनआईए की समन्वित छापेमारी में खूंखार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के संगठित आतंकी-अपराध सिंडिकेट के सदस्यों की हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में चार संपत्तियों को कुर्क किया है। इनमें से तीन अचल और एक चल थी। ये सभी संपत्तियां आतंकवाद की आय थी, जिनका उपयोग आतंकी साजिश रचने और गंभीर अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जाता रहा है। एनआईए ने अगस्त, 2022 में बिश्नोई और उसके सहयोगियों के कथित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ यूए(पी)ए के तहत मामला दर्ज किया था।
कुर्क की गई संपत्तियों में फ्लैट-77/4, आश्रय-1, सुलभ आवास योजना, सेक्टर-1, गोमती नगर एक्सटेंशन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश शामिल है, जो लखनऊ, उत्तर प्रदेश में आतंकवादी गिरोह के आश्रयदाता विकास सिंह से संबंधित है। कुर्क की गई दो अन्य संपत्तियां गांव बिशनपुरा, फाजिल्का, पंजाब में स्थित थीं, जो आरोपित दलीप कुमार उर्फ भोला उर्फ दलीप बिश्नोई के स्वामित्व में थीं। हरियाणा के यमुनानगर निवासी जोगिंदर सिंह के नाम पर पंजीकृत एक एसयूवी भी जब्त की गई।
एनआईए की जांच के अनुसार विकास सिंह लॉरेंस बिश्नोई का सहयोगी है, जिसने कथित तौर पर पंजाब पुलिस मुख्यालय पर आरपीजी हमले में शामिल आरोपितों सहित आतंकवादियों को पनाह दी थी। जोगिंदर सिंह लॉरेंस बिश्नोई के करीबी गैंगस्टर काला राणा के पिता हैं। जोगिंदर सिंह आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा देने के लिए हथियारों और गोला-बारूद ढुलाई के लिए गिरोह के सदस्यों को एसयूवी उपलब्ध करा रहा था। आरोपित दलीप कुमार की संपत्ति का इस्तेमाल हथियारों के भंडारण और छुपाने के लिए आश्रय व गोदाम के रूप में और आतंकवादी गिरोह के सदस्यों को शरण देने के लिए किया जा रहा था।
एनआईए को जांच में पता चला कि गिरोह ने देश के कई राज्यों में अपने माफिया शैली के आपराधिक नेटवर्क फैलाए थे। यह नेटवर्क पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के साथ-साथ प्रदीप कुमार जैसे धार्मिक और सामाजिक नेताओं की हत्या, व्यापारियों और पेशेवरों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली जैसे कई सनसनीखेज अपराधों में शामिल था। एनआईए की जांच से यह भी पता चला है कि इनमें से कई आतंकी साजिश पाकिस्तान और कनाडा सहित विदेशों से या देश की जेलों से संचालित संगठित आतंकी सिंडिकेट के सरगनाओं द्वारा रची गई थी।
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