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जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज) पर भोपाल में 27 फरवरी को कार्यशाला होगी। इसमें विशेषज्ञ आएंगे और जानकारी देंगे। वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) और एप्को के बीच करार भी होगा।एप्को के स्टेट नॉलेज मैनेजमेंट सेंटर ऑन क्लाइमेट चेंज द्वारा 'नॉलेज शेयरिंग ऑन कॉप-27 एंड बियांड : इम्पोर्टेंस एंड की लर्निंग' पर कार्यशाला की जा रही है। कार्यशाला के दौरान प्रमुख सचिव पर्यावरण गुलशन बामरा और कार्यकारी निदेशक एप्को मुजीबुर्रहमान खान उपस्थित रहेंगे।डब्ल्यूआरआई इंडिया, सस्टेनेबल लैंड स्केप्स एंड रेस्टोरेशन की निदेशक डॉ. रुचिका सिंह, डब्ल्यूआरआई इंडिया क्लाइमेट प्रोग्राम की निदेशक उल्का केलकर, सुब्रता चक्रबोर्ती, व्याख्यान देंगे। ग्लोबल पॉलिटिकल स्ट्रेटेजी के प्रमुख हरजीत सिंह 'लॉस एंड डेमेज फंड एंड हाऊ इंडिया में यूटिलाइज एनी रिपार्शन्स टू हेल्प इम्प्रूव द कंट्रीज क्लाइमेट रिसाइलेंस' के बारे में बताएंगे।जलवायु परिवर्तन एक प्रमुख वैश्विक समस्या बनी हुई है। भावी पीढ़ी को इसके दुष्प्रभावों से बचाने के लिये भारत सहित समस्त वैश्विक समुदायों द्वारा विभिन्न प्रकार की पहल की जा रही हैं। वैश्विक अनुसंधान के अनुसार यदि कार्बन उत्सर्जन की वर्तमान दर निरंतर रूप से जारी रही तो इस सदी के अंत तक वैश्विक तापमान 3 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा बढ़ सकता है। ग्लोबल वार्मिंग के जरिये बाढ़, सूखा और बढ़ते समुद्री स्तर जैसी चरम जलवायु घटनाओं में वृद्धि हो रही है। डब्ल्यूआरआई एक वैश्विक शोध गैर लाभकारी संगठन है। वर्ष 1982 में स्थापित संगठन भोजन, जंगल, पानी, ऊर्जा, शहर, जलवायु और महासागर पर केंद्रित है।
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