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सशक्त और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में हम बढ़ रहे आगे : मुख्यमंत्री साय
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रायपुर । छत्तीसगढ़ में गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। हर तरफ देश का तिरंगा लहरा रहा है। वहीं 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश के सरगुजा संभाग के जिला मुख्यालय अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में तिरंगा फहराया। संयुक्त परेड की सलामी ली। मुख्यमंत्री ने आम जनता के नाम संदेश काे पढ़ा । उन्होंने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी।


मुख्यमंत्री साय ने गणतंत्र दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का दिन हम सबके लिए अत्यंत गौरवशाली है। आज हम देश के गणतंत्र का उत्सव मना रहे हैं। इसके पीछे उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का बलिदान है, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाई, उन संविधान निर्माताओं का योगदान है, जिन्होंने इस संविधान के माध्यम से भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाया। उन विभूतियों का योगदान है, जो संविधान की रक्षा के लिए हमेशा डटे रहे तथा संविधान के मूल्यों पर चलकर अंत्योदय का कल्याण करते रहे। नक्सलवाद से लड़ते हुए देश की एकता और अखण्डता के लिए अनेक जवानों ने अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया, इन जवानों की शहादत को मैं सादर नमन करता हूं।

 

उन्हाेंने कहा कि इन नक्सल इलाकों में माओवाद ने अपनी हिंसक विचारधारा से न केवल आम आदमी के जीवन को नरक बना दिया था अपितु भारत के गणतंत्र को चुनौती देने के लिए गनतंत्र खड़े करने की योजना बनाकर काम कर रहे थे। हमारे सुरक्षा बलों का इनसे लगातार संघर्ष चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई रणनीति बनाकर हमने माओवाद के कैंसर को नष्ट करने का काम किया है। इस कैंसर को नष्ट करने के लिए जरूरी था कि इसकी जड़ों पर प्रहार किया जाए। हमारे जवानों ने माओवादियों के सबसे सुरक्षित पनाहगाहों में हमला किया। इसके नतीजे बहुत अच्छे रहे। एक साल के भीतर ही हमने माओवादी कैडर के 260 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। अंधेरी सुरंग खुल गई, जो रोशनी फूटी है उससे बस्तर में विकास का उजाला फैला है।

उन्हाेंने कहा कि जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पिछले महीने छत्तीसगढ़ आये तो बस्तर की इसी धरती में ग्राम गुंडम की एक बुजुर्ग माँ उनके पास आई, माता जी ने उन्हें वनोपजों की टोकरी भेंट की और कहा कि माओवाद को पूरी तरह से नष्ट कर दीजिए। जब सरकार का इरादा, जवानों का हौसला और जनता का संकल्प मिल जाता है, तो कोई भी हिंसक विचारधारा नहीं टिक सकती। बस्तर में माओवाद अब अंतिम सांसे गिन रहा है। शीघ्र ही बस्तर पूरी तरह से नक्सल आतंक से मुक्त हो जाएगा।

श्रद्धेय अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया, तो धान खरीद की व्यवस्था भी आरंभ हुई। धान के कटोरे में कोई भी भूखा न सोये, इसके लिए मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना भी आरंभ हुई। यह काम इतने व्यवस्थित तरीके से हुआ कि छत्तीसगढ़ देश में खाद्य सुरक्षा का माडल राज्य बन गया।

हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा कहते हैं, कि हमें किसानों की आय दोगुनी करनी है, तो पशुपालन को बढ़ावा देना होगा। हम सबने सहकारिता में अमूल का प्रयोग देखा है। भारत ने एनडीडीबी अर्थात नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के माध्यम से अमूल के रूप में श्वेत क्रांति की। छत्तीसगढ़ में भी श्वेत क्रांति की राह हमने खोल दी है। बीते महीने हमने एनडीडीबी के साथ एमओयू किया है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा- हमारी धरती रत्नगर्भा है। खनिज संपदा के मामले में छत्तीसगढ़ अतुलनीय है। कोयले और लोहे के उत्पादन में हम देश में दूसरे स्थान पर हैं। देश के बाक्साइट भंडार का 20 फीसदी हमारे यहां है। सारी दुनिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपना रही है और भारत भी इसमें पीछे नहीं है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के लिए लीथियम की जरूरत होती है और इसके भंडार हमारे कोरबा, सुकमा और बस्तर जिले में है।

हमारा उद्देश्य छत्तीसगढ़ को मेडिकल हब बनाना है, ताकि न केवल हमारे सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में छत्तीसगढ़ के नागरिकों का इलाज हो सके अपितु छत्तीसगढ़ मेडिकल टूरिज्म के भी महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित हो। इसके लिए हमने अटल नगर नवा रायपुर में 200 एकड़ भूमि चिन्हांकित की है। यहां मेडिसिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत 5 हजार बेड वाला अत्याधुनिक अस्पताल बनेगा।

उन्हाेंने कहा कि गांधी जी कहते थे कि भविष्य इस बात पर निर्भर करता है, कि हम वर्तमान में क्या करते हैं। मुझे इस बात की खुशी है, कि इस वर्ष जब हम छत्तीसगढ़ के स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं तब हमने विकसित छत्तीसगढ़ की यात्रा का रोडमैप तैयार कर लिया है। वर्ष 2047 में जब आजादी के सौ वर्ष पूरे हो जाएंगे तब विकसित भारत के साथ ही विकसित छत्तीसगढ़ का भव्य स्वरूप हम सभी के सामने होगा। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हमने विजन डाक्यूमेंट तैयार किया है।
 
 
Kolar News 26 January 2025

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