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मध्यप्रदेश में तहसीलदार और नायब तहसीलदार सामूहिक अवकाश पर जाएंगे। कुछ जिलों में उन्होंने 27 फरवरी से 1 मार्च तक छुट्टी पर जाने के लिए आवेदन भी दे दिए थे। हालांकि, मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के पदाधिकारियों के कहने पर उन्होंने छुट्टी पर जाना टाल दिया। यानि, सोमवार को वे काम पर आएंगे। पदाधिकारियों का कहना है कि जीडीसी से ही प्रभार सौंपे जाने का आदेश निकलने का इंतजार कर रहे हैं।बता दें कि प्रदेश में तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बनाने का मुद्दा पिछले एक सप्ताह से गरमाया हुआ है। वे चाहते हैं कि कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार को लेकर आदेश GAD यानी सामान्य प्रशासन विभाग ही निकाले, ताकि जिलों में उन्हें पदोन्नति उसी तहसील पर मिले, जो की गई है। इससे प्रभार के संबंध में दुविधा या दुरुपयोग नहीं होगा और अफसरों के सम्मान को ठेस भी नहीं पहुंचेगी। हालांकि, अब तक लिस्ट जारी नहीं हुई है, इसलिए उन्होंने कलेक्टरों को सामूहिक अवकाश पर जाने का मन बनाया, लेकिन रविवार को इसे टाल दिया है।मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर या तहसीलदार का प्रभार दिया भी जा रहा है, तो आदेश जीएडी ही जारी करें, न कि रेवेन्यू विभाग। ऐसा होने पर ही वे प्रभार लेंगे। पूर्व में राजस्व निरीक्षकों को कार्यवाहक नायब तहसीलदार बनाया गया था। बाद में यह प्रभार ले लिया गया। यदि जीएडी आदेश निकालता है, तो सीधे भोपाल स्तर से ही प्रक्रिया की जाएगी।बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार करीब 200 सीनियर तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर बनाने जा रही है। ये तहसीलदार पिछले 7 साल से प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। वर्ष 1999 से 2008 के बीच के तहसीलदार इस क्राइटेरिया में आ रहे हैं। जिनकी विभागीय जांच चल रही है, वे डिप्टी कलेक्टर नहीं बन पाएंगे। इधर, कुल 173 नायब तहसीलदारों को भी तहसीलदार का प्रभार दिए जाने की प्रोसेस चल रही है। अफसरों का कहना है कि विकास यात्रा खत्म होने का इंतजार कर रहे थे। 25 फरवरी को विकास यात्रा का समापन हो गया है। इसलिए वे छुट्टी पर जाएंगे।
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