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नई दिल्ली । अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव और पार्टी उम्मीदवार प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को वायनाड लोकसभा सीट के उपचुनाव में 4,10,931 वोटों के भारी अंतर से पहली चुनावी जीत दर्ज की।
प्रियंका ने अपने भाई राहुल गांधी की जीत के रिकॉर्ड अंतर को भी तोड़ दिया, जिन्होंने इसी साल अप्रैल में वायनाड लोकसभा क्षेत्र के लिए हुए चुनाव में 3,64,422 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड सीट 4.31 लाख वोटों के अंतर से जीती थी।
चुनाव आयोग के अनुसार प्रियंका गांधी वाड्रा को 6,22,338 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी को 2,11,407 वोट मिले और भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार नव्या हरिदास को 1,09,939 वोट मिले।
अप्रैल 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उम्मीदवार एनी राजा को 3,64,422 वोटों के अंतर से हराया था। उस समय राहुल गांधी को 6,47,445 वोट मिले थे और एनी राजा (सीपीआई महासचिव डी राजा की पत्नी) को 2,83, 028 वोट तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन को 1,41,045 वोट मिले थे।
आयोग की ओर से उनकी जीत की घोषणा किए जाने के बाद प्रियंका गांधी अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिलने उनके आवास पर गईं। खरगे ने प्रियंका को मिठाई खिलाई और जीत के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं तथा उन्हें शाल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया।
खरगे ने प्रियंका की जीत को लेकर सोशल मीडिया पर अपने विचार भी साझा किए। उन्होंने कहा कि वायनाड देश के नेतृत्व में अपना योगदान देता रहेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रियंका गांधी संसद में वायनाड और देश के लोगों की सशक्त आवाज बनेंगी। उनका कुशल नेतृत्व, करुणा, शालीनता और दृढ़ संकल्प तथा संविधान के सिद्धांतों के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता सार्वजनिक क्षेत्र को और समृद्ध बनाएगी। कांग्रेस और यूडीएफ को चुनने के लिए लोगों का आभार।
वायनाड लोकसभा सीट पर पहली और अभूतपूर्व तरीके से जीत दर्ज करने के बाद प्रियंका ने भी सोशल मीडिया एक्स पर एक भावुक पोस्ट लिखकर वायनाड के मतदाताओं का आभार जताया। प्रियंका ने लिखा, "मेरे प्रिय बहनों और भाइयों, वायनाड में मैं आपके द्वारा मुझ पर किए गए विश्वास के लिए आभार से अभिभूत हूं। मैं सुनिश्चित करूंगी कि समय के साथ आप वास्तव में महसूस करें कि यह जीत आपकी जीत है और जिस व्यक्ति को आपने अपना प्रतिनिधि चुना है, वह आपकी आशाओं और सपनों को समझता है और आपके लिए आपके अपने की तरह लड़ता है। मैं संसद में आपकी आवाज बनने की प्रतीक्षा कर रही हूं। इस सम्मान के लिए धन्यवाद और उससे भी अधिक आपके द्वारा दिए गए विशाल प्रेम के लिए दिल से मेरे यूडीएफ के सहयोगियों, केरल के विभिन्न नेताओं, कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों और मेरे कार्यालय के सहयोगियों का धन्यवाद, जिन्होंने इस अभियान में अविश्वसनीय मेहनत की। खासकर उन कार्यकर्ताओं का जिन्होंने दिन-रात 12 घंटे की यात्रा की, बिना किसी विश्राम या भोजन के, उन सबका बहुत आभार।"
प्रियंका ने उन्हें सच्चा सिपाही करार देते हुए कहा कि वे सभी उन आदर्शों के लिए लड़ रहे थे, जिन पर वे सब विश्वास करते हैं। प्रियंका ने अपने परिवार के लोगों का भी आभार जताया। उन्होंने कहा, "मेरी माँ, रॉबर्ट और मेरे दो रत्न- रेहान और मिराया के प्रेम और साहस के लिए कोई भी आभार कभी पर्याप्त नहीं है। मेरे भाई राहुल, तुम सब में सबसे बहादुर हो... मुझे रास्ता दिखाने और हमेशा मेरा साथ देने के लिए धन्यवाद!"
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