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इंडियन ऑयल ने 'रेफरेंस गैसोलीन और डीजल ईंधन' का उत्पादन किया शुरू
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नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप एस पुरी ने देश में पहली बार इंडियन ऑयल द्वारा उत्पादित 'रेफरेंस गैसोलीन और डीजल ईंधन' को आज लांच किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि रेफरेंस फ्यूल्स का लांच प्रधान मंत्री के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की एक और पहल है। इस तरह की स्वदेशी तकनीकी शक्ति से भारत सरकार के मेक इन इंडिया मिशन को गति मिलती है। इस मौके पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन और इंडियन ऑयल के चेयरपर्सन एसएम वैद्य भी उपस्थित थे।

हरदीप पुरी ने कहा कि 2047 तक भारत को 'ऊर्जा-स्वतंत्र' राष्ट्र में बदलने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण द्वारा निर्देशित रणनीति में शामिल हैं। इसके तहत ऊर्जा आपूर्ति का विविधीकरण, भारत की खोज और उत्पादन पदचिह्न बढ़ाना, वैकल्पिक ऊर्जा गैस आधारित अर्थव्यवस्था और ग्रीन हाइड्रोजन और ईवीएस के माध्यम से ऊर्जा संक्रमण के स्रोत का पता करना शामिल है।

हरदीप पुरी ने कहा कि यह पहली बार है कि भारत रेफरेंस गैसोलीन और डीजल ईंधन के उत्पादन में उतर रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप इन उत्पादों का घरेलू विकास इंडियन ऑयल की प्रतिभा और अथक परिश्रम का प्रमाण है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह उपलब्धि न केवल आयात पर भारत की निर्भरता को कम करती है बल्कि भारत के ऊर्जा उद्योग को विशिष्ट दक्षताओं से लैस चुनिंदा वैश्विक खिलाड़ियों तक पहुंचाती है।

इस मौके पर पुरी ने तेल कंपनियों के उन प्रयासों की सराहना की, जो पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय लक्ष्यों और प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में प्रमुख प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा, विशेष रूप से जैव-ईंधन अनुभाग, बीएस-VI ईंधन में परिवर्तन और ईवी चार्जिंग स्टेशनों की शुरुआत, सीबीजी, सतत विमानन ईंधन, इथेनॉल मिश्रण और हाइड्रोजन ईंधन की दिशा में मंत्रालय के प्रयासों का भी उल्लेख किया।

हरदीप पुरी ने पारादीप रिफाइनरी को भारत की सबसे आधुनिक और जटिल रिफाइनरी के रूप में संदर्भित करते हुए कहा कि शत प्रतिशत उच्च सल्फर कच्चे तेल को संसाधित कर सकती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि रिफाइनरी दक्षिण तेल घाट पर अपना 1000वां जहाज संभालने में सक्षम होगी और यह मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने 1500 पेटेंट दाखिल करने और दशकों के अग्रणी काम के लिए मान्यता हासिल करने के मील के पत्थर को पार करने के लिए इंडियन ऑयल के अनुसंधान एवं विकास केंद्र की सराहना की।

हरदीप सिंह पुरी ने उत्सर्जन को कम करने के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि ईंधन मिश्रण के त्वरित कार्यान्वयन, 2025 तक 20 प्रतिशत मिश्रण प्राप्त करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को आगे बढ़ाना, 5,000 से अधिक पेट्रोल खुदरा दुकानों पर 20 प्रतिशत मिश्रित ईंधन की बिक्री शुरू करना है।

उन्हाेंने कहा कि हम वैश्विक ऊर्जा बाजार में एक प्रतिष्ठित खिलाड़ी के रूप में अपनी क्षमता का सर्वोत्तम उपयोग कर रहे हैं। यही वजह है कि कच्चे तेल की कीमतों में संतुलन बनाए रखते हुए दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा दिया गया है।

उन्होंने हाल ही में दिल्ली में हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल बसों की शुरुआत को याद करते हुए कहा कि यह पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों के प्रति हमारे समर्पण की पुष्टि करता है।

Kolar News 26 October 2023

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