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घाटी में तेज़ी से हो रहा बदलाव भारत की नई शक्ति और संकल्प का प्रतीकः प्रधानमंत्री
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कटरा । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के कटरा में विकास परियोजनाओं से जुड़े कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर सख्त शब्दों में चेतावनी दी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के भविष्य के लिए विकास, समावेशन और आत्मनिर्भरता के विज़न को स्पष्ट किया। इस अवसर पर उन्होंने 46 हजार करोड़ से अधिक की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने घाटी में तेज़ी से हो रहे बदलाव को ‘भारत की नई शक्ति और संकल्प का प्रतीक’ बताया।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने इसे पाकिस्तान की एक सोची-समझी साजिश करार दिया, जिसका उद्देश्य घाटी में अशांति फैलाना और मेहनतकश लोगों की आजीविका को बाधित करना था। उन्होंने कहा कि यह हमला न सिर्फ निर्दोष पर्यटकों पर था, बल्कि ‘कश्मीरियत और इंसानियत’ पर भी हमला था। उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने घाटी में स्कूल जलाए, अस्पतालों को निशाना बनाया और दो पीढ़ियों के सपनों को कुचला है, लेकिन अब जम्मू-कश्मीर का युवा आतंकवाद के विरुद्ध सीना तानकर खड़ा है।

प्रधानमंत्री ने आतंक पर पाकिस्तान को मिले करारे जवाब का उल्लेख करते हुए कहा कि आज 6 जून है, ठीक एक महीने पहले भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से पाकिस्तान की धरती पर आतंक के अड्डों को ध्वस्त किया। अब जब पाकिस्तान को इस ऑपरेशन का नाम भी सुनाई देगा, तो उसे अपनी हार और शर्म याद आएगी। भारत अब चुप रहने वाला नहीं है। हमारे सैनिकों ने जो किया, वह भारत की बदलती रणनीति और इच्छाशक्ति का प्रमाण है। अब आतंकवाद का जवाब उसी भाषा में दिया जाएगा।

इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने चिनाब ब्रिज और अंजी पुल का उद्घाटन किया। चिनाब ब्रिज विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। इसकी ऊंचाई 359 मीटर और लंबाई 1,315 मीटर है। अंजी पुल भारत का पहला केबल-सपोर्टेड रेलवे पुल है। इसे अत्यंत चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों में बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पुल भारत की इंजीनियरिंग क्षमता, तकनीकी शक्ति और अदम्य साहस के प्रतीक हैं। ये सिर्फ पुल नहीं हैं, ये जम्मू-कश्मीर और शेष भारत के बीच विश्वास और विकास की मजबूत डोर हैं।

प्रधानमंत्री ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल परियोजना (यूएसबीआरएल) को राष्ट्र को समर्पित किया। यह 272 किमी लंबी परियोजना 36 सुरंगों और 943 पुलों से युक्त है और इसकी लागत 43,780 हजार करोड़ है। उन्होंने कहा कि माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद से अब कश्मीर घाटी भारत के विशाल रेलवे नेटवर्क से जुड़ चुकी है। अब हम ‘कश्मीर से कन्याकुमारी’ तक के सपने को साकार कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस रेल संपर्क से न केवल यातायात सुलभ होगा, बल्कि व्यापार, पर्यटन और शिक्षा को भी नई गति मिलेगी। उन्होंने एक स्थानीय छात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि अपनी बातचीत में उसने कहा कि पहले लोग ट्रेन वीडियो में देखते थे, अब वे अपने गांव के सामने से गुजरती देख सकेंगे।

प्रधानमंत्री ने रियासी जिले में बनने वाले ‘श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस’ की नींव रखी। इसकी लागत 350 करोड़ रुपये से अधिक है। इस संस्थान में 500 बिस्तरों की सुविधा होगी। साथ ही पिछले 5 वर्षों में राज्य में 7 नए मेडिकल कॉलेज खुल चुके हैं और एमबीबीएस सीटें 500 से बढ़कर 1300 हो गई हैं। उन्होंने कहा कि श्रीनगर और जम्मू में अब एम्स, आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे संस्थान मौजूद हैं। इससे इस क्षेत्र को शिक्षा और नवाचार का हब बना रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को ‘राष्ट्र का पहला रक्षक’ बताया। उन्होंने घोषणा की कि गोलीबारी से प्रभावित परिवारों को पूरी सहायता दी जाएगी। जिनके मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें 2 लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों को 1 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। साथ ही सीमा क्षेत्र में 10 हजार बंकर बनाए जा रहे हैं और 2 नई बॉर्डर बटालियन तथा 2 महिला बटालियनों का गठन किया जाएगा। सीमा क्षेत्र के लिए 4,200 रुपये करोड़ की बुनियादी योजनाएं लागू की जा रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन विकास परियोजनाओं से न केवल कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय उद्योगों जैसे सेब, ड्राई फ्रूट्स, पश्मीना शॉल, और हस्तशिल्पों को देशभर के बाजारों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। घाटी अब फिर से फिल्म शूटिंग और खेलों का केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’, ‘मिशन मैन्युफैक्चरिंग’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों को युवाओं से जोड़ते हुए कहा कि भारत अब रक्षा उत्पादों का निर्यातक बन चुका है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस बदलाव के भागीदार बनें। उन्होंने कहा कि भारत अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, उत्पादक राष्ट्र बन रहा है। आने वाले समय में हम विश्व के शीर्ष रक्षा निर्यातकों में शामिल होंगे और जम्मू-कश्मीर के युवा इस परिवर्तन में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान लोगों से एक संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमें भारत में बने सामानों को प्राथमिकता देनी है, उन वस्तुओं को जो हमारे देशवासियों के पसीने से बनी हैं। यही सच्ची देशभक्ति है, यही राष्ट्र की सेवा है। हमें सरहद पर अपनी सेना का सम्मान बढ़ाना है और बाजार में ‘मेक इन इंडिया’ के गौरव को नई ऊंचाई देनी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत माता का मुकुट है और यहां के हर क्षेत्र में विकास की रोशनी फैल रही है। उन्होंने अमरनाथ यात्रा, खीर भवानी मेला, ईद, और धार्मिक उत्सवों का उल्लेख कर कहा कि ये सभी अब भय मुक्त और व्यवस्थित रूप में हो रहे हैं, जो जम्मू-कश्मीर की बदली तस्वीर को दर्शाते हैं।

उन्होंने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि हर वो दीवार जो जम्मू-कश्मीर के युवा के सपनों के सामने आएगी, उसे पार करने के लिए मैं खुद खड़ा रहूंगा।


समारोह में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, डॉ. जितेंद्र सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले आज जम्मू-कश्मीर में चिनाब पुल का उद्घाटन किया और पुल के डेक का दौरा किया। इस दौरान उनके हाथ में तिरंगा था, जिसे उन्होंने लहराते हुए स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने अंजी पुल का दौरा किया और उसका उद्घाटन किया। बाद में उन्होंने कटरा से श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद कटरा में 46 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास तथा उद्घाटन किया।

चिनाब और अंजी रेल पुल
नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित वास्तुकला का चमत्कार चिनाब रेल पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। यह 1,315 मीटर लंबा स्टील आर्च ब्रिज है जिसे भूकंप और हवा की हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार किया गया है। इस पुल का एक प्रमुख प्रभाव जम्मू और श्रीनगर के बीच संपर्क को बढ़ाना होगा। इस पुल पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेन के ज़रिए कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा करने में सिर्फ़ 3 घंटे लगेंगे, जिससे मौजूदा यात्रा समय में 2-3 घंटे की कमी आएगी। वहीं अंजी ब्रिज भारत का पहला केबल-स्टेड रेल ब्रिज है जो इस चुनौतीपूर्ण भूभाग में राष्ट्र की सेवा करेगा।

वंदे भारत ट्रेन
प्रधानमंत्री ने माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर और वापस जाने वाली दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई। ये ट्रेनें निवासियों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और अन्य लोगों के लिए एक तेज़, आरामदायक और विश्वसनीय यात्रा विकल्प प्रदान करेंगी।

संपर्क परियोजनाएं और अन्य विकास पहल
प्रधानमंत्री ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया। 272 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में 36 सुरंगें (119 किलोमीटर तक फैली हुई) और 943 पुल शामिल हैं। इसका निर्माण लगभग 43,780 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। यह परियोजना कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से सभी मौसमों में निर्बाध रेल संपर्क स्थापित करने में मददगार है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय गतिशीलता में तेजी लाना और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।

Kolar News 6 June 2025

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