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नई दिल्ली। देश में युवाओं को आतंकवादी नेटवर्क में शामिल करने के आईएसआईएस के प्रयासों को विफल करने के क्रम में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को एक और सफलता हाथ लगी है। एनआईए की टीम ने तमिलनाडु और तेलंगाना में छापों के दौरान मोबाइल फोन, लैपटॉप और हार्ड डिस्क के साथ भारतीय मुद्रा में 60 लाख रुपये और 18,200 अमेरिकी डॉलर तथा स्थानीय और अरबी भाषाओं में कई आपत्तिजनक किताबें भी जब्त की है। एनआईए की टीम मौजूद डेटा की जांच करने की प्रक्रिया में है।
एनआईए की टीम ने शनिवार की सुबह तमिलनाडु में आईएसआईएस कट्टरपंथ और भर्ती मामले में संदिग्धों के परिसरों पर छापा मारा। कोयंबटूर में 22 स्थानों, चेन्नई में तीन और तमिलनाडु के तेनकासी जिले के कदैयानल्लूर में एक स्थान पर छापेमारी की। तेलंगाना के हैदराबाद व साइबराबाद में अन्य पांच स्थानों पर छापे मारे । यहां पर क्षेत्रीय अध्ययन केंद्रों के माध्यम से आयोजित अरबी भाषा की कक्षाएं आयोजित करने की आड़ में कट्टरपंथ को अंजाम दिया जा रहा था। इस तरह की कट्टरपंथी गतिविधियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और व्हाट्स एप और टेलीग्राम जैसे मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से ऑनलाइन प्रसारित किया जा रहा था। एनआईए की जांच से पता चला है कि आईएसआईएस देश की शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और बाधित करने के व्यापक उद्देश्य के साथ देश में आतंक फैलाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
एनआईए चेन्नई ने आईपीसी की धारा 120बी, 121ए और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 13, 18, 18बी के तहत मामला दर्ज किया है।
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