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नई दिल्ली । राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया। इसमें अमित शाह पर राज्यसभा सदस्य सोनिया गांधी पर आक्षेप लगाने का आरोप है।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को दिए गए अपने नोटिस में जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि अमित शाह ने राज्यसभा सदस्य एवं कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आक्षेप लगाया है। जयराम रमेश ने 25 मार्च, 2025 को आपदा प्रबंधन विधेयक, 2024 पर बहस के दौरान अमित शाह के जवाब का हवाला दिया है।
जयराम रमेश ने दावा किया कि उस दिन अमित शाह ने कहा, "कांग्रेस के शासनकाल में पीएम राहत कोष बनाया गया था और एनडीए यानी मोदी के शासनकाल में पीएम केयर्स फंड बना। कांग्रेस के शासनकाल में केवल एक परिवार का नियंत्रण होता था और कांग्रेस अध्यक्ष इसके सदस्य थे। कांग्रेस अध्यक्ष सरकारी कोष का हिस्सा हैं, वे इस देश के लोगों को क्या जवाब देंगे। क्या कोई इसे पढ़ता या देखता नहीं है?"
कांग्रेस नेता ने कहा कि जैसा कि उपरोक्त के अवलोकन से देखा जा सकता है कि गृहमंत्री ने सोनिया गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से उनका उल्लेख किया था और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (एनपीएमआरएफ) के कामकाज के संबंध में उनकी मंशा पर संदेह जताया था। उन्होंने तर्क दिया कि सदन के किसी भी सदस्य पर टिप्पणी करना या अपमानजनक बातें कहना विशेषाधिकार का उल्लंघन तथा सदन की अवमानना है।
जयराम रमेश ने कहा कि इस मामले में गृहमंत्री ने सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए पूर्व नियोजित उद्देश्य से उनके खिलाफ निराधार आरोप लगाए थे। गृहमंत्री का बयान सरासर झूठा और मानहानिकारक है। यह सोनिया गांधी के विशेषाधिकार का हनन है। इसलिए यह विशेषाधिकार का हनन और सदन की अवमानना का भी मामला बनता है। इसलिए विशेषाधिकार हनन का नोटिस राज्यसभा में प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियम 188 के तहत "सोनिया गांधी पर आक्षेप लगाने के लिए" दिया गया। इसके मद्देनजर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू की जा सकती है।
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