मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे।
मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।
इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी।
मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है।
प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।