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उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर का श्रेय लेने को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही इसके लिए ताल ठोक दी है। कांग्रेस ने कहा कमलनाथ सरकार में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उज्जैन में महाकाल परिसर के सवारने और उसके विकास के लिए 300 करोड़ का प्रावधान किया था। तीन मंत्रियों के दौरे के बाद इसमें काम भी शुरू हो गया था। उन्होंने कहा यह कमलनाथ की देन है। वहीं प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कमलनाथ जी को झूठ बोलने की आदत है। उन्होंने कहा 2017 में शिवराज सरकार में इसकी शुरुआत हुई थी। कमलनाथ सरकार में महाकाल कॉरिडोर योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। पार्टियां श्रेय लेने के लिए अपने अपने सबूतों को भी सोशल मीडिया में शेयर कर रही है।
महाकाल कॉरिडोर का श्रेय लेने को लेकर जमकर राजनीति हो रही है। बीजेपी कांग्रेस में राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा की। महाकाल कॉरिडोर के निर्माण को लेकर शिवराज के झूठ को बेनकाब करती ये सरकारी पोस्ट पढिये और शेयर व रिट्वीट करिये। मुख्यमंत्री के ऑफिसियल फेसबुक पर 17 अगस्त 2019 को एक दो पेज की पोस्ट डाली है। जिसमें कमलनाथ जी द्वारा 300 करोड़ की योजना शुरू करने की बात और पूरी योजना का विस्तार से वर्णन व बैठक के फोटो भी डालते हैं। मुख्यमंत्री के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से 17 अगस्त 2019 को ट्वीट हुआ है जिसमें कमलनाथ जी द्वारा महाकाल के लिये 300 करोड़ की योजना शुरू करने की बात है। जनसंपर्क मध्यप्रदेश द्वारा 17 दिसंबर 2019 को भी एक ट्वीट हुआ है। जिसमें कमलनाथ जी द्वारा महाकाल मंदिर परिसर को संवारने के लिये 300 करोड़ की योजना शुरू करने की बात है। जनसंपर्क अधिकारी उज्जैन के ऑफिसियल हैंडल से 19 अगस्त 2019 को ट्वीट हुआ है। जिसमें कमलनाथ जी द्वारा महाकाल मंदिर के सुविधा विस्तार की और सौंदर्यीकरण की बात है।
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