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नई दिल्ली । विश्व हिंदू परिषद ने देशभर में कई स्थानों पर चल रहे गणेश उत्सव के आयोजनों पर हुए हमलों से आहत होकर इस्लामिक कट्टरपंथियों को सोमवार को एक चेतावनी दी है कि वह धार्मिक यात्राओं व अन्य आयोजनों पर इस प्रकार के हमलें न करें ।
विश्व हिंदू परिषद के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेन्द्र जैन ने कहा कि गणपति विसर्जन के 18 से अधिक पवित्र कार्यक्रमों पर जिहादियों ने हमले किए हैं। कई जगह भगवान गणपतिजी की प्रतिमा को खंडित करने का दुस्साहस भी किया गया। इससे पहले रामनवमी, महावीर जयंती तथा अन्य हिंदू त्योहारों की शोभायात्राओं पर भी हमले किए गए।
उन्होंने कहा कि हिंदू समाज पर ये हमले केवल हिंदू त्योहारों पर ही नहीं अपितु, मोहर्रम, ईद ए मिलाद व बारावफात जैसे मुस्लिम कार्यक्रमों के दौरान भी होते हैं। ऐसे हमलें धार्मिक अलगाव का कारण बनते हैं इसलिए अब ऐसे हमलें रोकने की जरूरत है, इन्हें ‘काफिरोफोबिया’ से बाहर निकलना चाहिए।
मद्रास उच्च न्यायालय ने जिहादियों को कहा था, "कुछ लोग सांप्रदायिक हो सकते हैं, देश की सड़क धर्मनिरपेक्ष हैं जिसका सभी उपयोग करेंगे। अगर इसी तरह बाकी लोग भी सोचने लगे तो आप, जहां वे बहुमत में है, वहां अपने कार्यक्रम कैसे कर सकेंगे?" हाई कोर्ट ने ओवैसी, मदनी और तौकीर जैसें मुस्लिम नेताओं को चेतावनी दी है कि वह अपने समाज को भड़काने का काम न करें ।
कोर्ट ने कहा कि आप लोगों के द्वारा फैलाई गई नफरत का ही परिणाम है कि जेहादियों की मानसिक विकृति के रोज नए-नए प्रकार देखने को मिल रहे हैं। लगभग दस जगह अवरोध खड़े करके ट्रेनों को पलटने या दुर्घटना ग्रस्त करने के षड्यंत्र भी सामने आते है , कहीं जूस में पेशाब मिलाया जा रहा है तो कहीं रोटी सब्जी में थूका जा रहा है, कहीं वक्फ के नाम पर लैंड जिहाद हो रहा है, कहीं लव जिहाद के नाम पर हिंदू कन्याओं को मौत के घाट उतारा जा रहा है। वोट जिहाद, जनसंख्या जिहाद, अवैध धर्मांतरण, घुसपैठ जिहाद और न जाने कितने प्रकार के जिहाद को बढ़ावा दे रहा है ।
विश्व हिंदू परिषद ने सभी मुस्लिम नेताओं को सलाह देती है कि वे अपने समाज को भड़काना बंद करें। पहले सीएए के नाम पर भड़काया था जिसका मुस्लिम समाज से कुछ लेना-देना नहीं था। अब वक्फ के नाम पर भड़का रहे हो जबकि पूरी दुनिया जानती है कि वक्फ बोर्ड के नाम पर कुछ बड़े मुस्लिम नेताओं ने आम मुस्लिम समाज को सबसे अधिक लूटा है।
उन्होंने कहा कि ध्यान रखो यह विकास का नहीं, विनाश का मार्ग है। मुस्लिम समाज से अपील है कि वे अपने भविष्य की चिंता स्वयं करे। गजनी, तैमूर, नादिर शाह, बाबर जैसे आक्रमणकारियों के वर्तमान अवतारों को छोड़ें और एपीजे जैसों के विकासवादी नेतृत्व को स्वीकार करें ।
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