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दिल्ली में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की 8वीं मीटिंग खत्म हो गई है। यह दोपहर 12 बजे से शुरू हुई थी जो शाम साढ़े 4 बजे तक चली।8 मुख्यमंत्री बैठक में नहीं आए। इनमें दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल, पंजाब के CM भगवंत मान, बंगाल की CM ममता बनर्जी, बिहार के CM नीतीश कुमार, राजस्थान के CM अशोक गहलोत, तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन, केरल के CM पिन्नाराई विजयन और ओडिशा के CM नवीन पटनायक शामिल हैं।भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा- जो मुख्यमंत्री बैठक में नहीं आए, वे जनता विरोधी और गैर-जिम्मेदार हैं। नीति आयोग देश के विकास और योजनाओं के लिए बहुत ही जरूरी है। इस बैठक के लिए 100 मुद्दे तय किए गए हैं। अब जो CM नहीं आए हैं वो अपने प्रदेश की जनता की आवाज यहां तक नहीं ला रहे हैं। मोदी विरोध में आप कहां तक जाएंगे?राजधानी में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के लाए गए अध्यादेश के विरोध में दिल्ली, पंजाब, बंगाल, बिहार और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों ने बैठक का विरोध किया है। राजस्थान के CM गहलोत ने खराब तबीयत का हवाला दिया है, जबकि केरल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने कोई कारण नहीं बताया। वहीं, नवीन पटनायक पहले से तय कार्यक्रम में चले गए।आज की बैठक में 8 प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई। इनमें 2047 तक विकसित भारत, MSME पर जोर, इन्फ्रास्ट्रक्चर और इन्वेस्टमेंट, अनुपालन का बोझ कम करना, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास, क्षेत्र के विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचे के लिए गति शक्ति शामिल हैं।दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को आदेश दिया था कि दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार दिल्ली सरकार के पास रहेंगे। इसके बाद, केंद्र सरकार 20 मई को एक अध्यादेश लाई और ये अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए। केजरीवाल इसी अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं।उन्होंने लिखा- केंद्र के अध्यादेश का पूरा देश विरोध कर रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि अगर प्रधानमंत्री जी सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं मानते तो हम न्याय के लिए फिर कहां जाएंगे। जब खुलेआम संविधान का मजाक बनाया जा रहा हो तो मीटिंग में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता।
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