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भोपाल। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के प्रमुख सचिव प्रतीक हजेला की अध्यक्षता में बुधवार को ट्रांसजेंडर नीति मध्यप्रदेश निर्धारण के लिए दूसरी बैठक में सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने अभिमत देने के पूर्व मंथन किया। इसके पूर्व ट्रांसजेंडर के समूहों के साथ हुई बैठक से निकले तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गई। बताया गया कि प्रदेश में शीघ्र ही ट्रांसजेंडर नीति को अमल में लाया जायेगा।
ट्रांसजेंडर नीति मध्यप्रदेश का उद्देश्य समाज में इनके प्रति भेद-भाव को समाप्त करते हुए मुख्यधारा में शामिल करना है। राज्य शासन ने समानता के अवसर उपलब्ध कराने के लिये गत 24 फरवरी को ही सभी शासकीय दस्तावेजों में पुरूष/महिला के साथ उभयलिंगी का उपयोग करने के भी निर्देश दिये हैं। संपूर्ण देश में उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम देश में 2020 और मध्यप्रदेश उभयलिंगी (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2022 से प्रभावशील है।
नीति बनाने का उद्देश्य अधिनियम और नियमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना, ट्रांसजेंडर के अधिकारों और पात्रताओं का संरक्षण, रोजगार एवं स्व-रोजगार के लिये प्रयासों को प्रोत्साहित करना, बराबरी के अवसर और वातावरण विकसित करना, गरिमामय एवं हिंसा मुक्त जीवन के साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, समाज में प्रभावी समावेशीकरण सुनिश्चित करना, क्रियान्वयन तंत्र को सशक्त करना, राज्य के सभी ट्रांसजेंडर व्यक्तियों तक पहुँच के लिये आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करना, कल्याणकारी योजनाओं की पहुँच, ऋण सुविधा, बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं तक पहुँच आदि हैं।
बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामान्य प्रशासन, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, विधि एवं विधायी, वाणिज्य एवं उद्योग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जनसंपर्क, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, महिला-बाल विकास, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, जेल, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण, श्रम, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने नीति में शामिल किये जाने योग्य अपने विभाग से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की।
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