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कोलकाता। केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ बने विपक्षी इंडी गठबंधन में राष्ट्रीय स्तर पर भले वामदल शामिल हैं, लेकिन बंगाल में वे इस गठबंधन का हिस्सा नहीं होंगे। यहां तक कि पार्टी ने कांग्रेस का भी साथ छोड़ने का निर्णय लिया है। इसकी वजह है तृणमूल से राजनीतिक विरोध। दावा है कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में तृणमूल की शर्तों पर गठबंधन का समझौता किया है और इसी वजह से माकपा को तरजीह नहीं दी जा रही।
पार्टी के महासचिव मोहम्मद सलीम ने कहा, 'हम उनसे गठबंधन करेंगे जिनका भाजपा और तृणमूल से नाता नहीं होगा। हम भाजपा और तृणमूल के खिलाफ नरम रुख अपनाने वालों से सैकड़ों-हजारों मील दूर खड़े रहेंगे।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस दो नावों पर सवार होकर नहीं चल सकती। उन्होंने एक बार फिर भाजपा और तृणमूल में मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि संसद के अंदर, संसद के बाहर, भ्रष्टाचार-अन्याय-सांप्रदायिकता के सवाल पर उनकी नीति और राजनीतिक स्थिति एक समान है। दोनों आरएसएस द्वारा संचालित संगठन हैं।
तृणमूल के साथ कांग्रेस गठबंधन पर सलीम ने कहा, 'कांग्रेस का फैसला वही लेगी लेकिन मैं बंगाल के कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं-समर्थकों से कहूंगा- कुछ देख कर सीखते हैं, कुछ ठोकर खाकर सीखते हैं। बंगाल कांग्रेस को विफलताओं से सीखना चाहिए।
Kolar News
29 December 2023
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