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भाेपाल । मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश में स्मार्ट मीटरों के कारण बिजली बिलों में असामान्य वृद्धि और उपभोक्ताओं पर जबरन मीटर लगाने की शिकायतों काे लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्हाेंने इसे आम जनता के लिए आर्थिक अन्याय करार देते हुए मध्य प्रदेश सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
जीतू पटवारी ने शुक्रवार काे मीडिया काे जारी अपने बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ता की स्वेच्छा पर निर्भर है, लेकिन इसके बावजूद बिजली कंपनियां दबाव बनाकर और जबरन स्मार्ट मीटर लगा रही हैं। पहले जहाँ बिल तीन साै रूपये से छह साै रूपये के बीच आते थे, अब स्मार्ट मीटर लगने के बाद लोग छह हजार से बीस हजार रूपये तक के बिल देखकर परेशान हैं। यह 'स्मार्ट लूट' का जरिया बन गया है।"
उन्होंने हाल की कुछ घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर में 'ब्लास्ट' या आग लगने की घटनाएँ
भारत के कई शहरों से स्मार्ट मीटरों में आग लगने या उनके फटने की खबरें सामने आई हैं। ये घटनाएँ उपभोक्ताओं के बीच डर और चिंता का कारण बन गई हैं, खासकर जब उनके बिलों में भी भारी वृद्धि हो रही हो। पटवारी ने सरकार और बिजली वितरण कंपनियों पर निशाना साधते हुए कहा,
"स्मार्ट मीटर का उद्देश्य उपभोक्ता सुविधा और पारदर्शिता था, लेकिन सरकार की नाकामी और बिजली कंपनियों की मनमानी ने इसे जनता के लिए बोझ बना दिया है। मध्य प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनियों के नाम और उनकी कार्यप्रणाली को सार्वजनिक करना जरूरी है ताकि जनता को सच पता चले।
पीसीसी चीफ पटवारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि "यदि सरकार ने जल्द ही इस मुद्दे का समाधान नहीं किया और स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनियों की जवाबदेही तय नहीं की, तो कांग्रेस पार्टी जनता के साथ मिलकर सड़कों पर उतरेगी और इस अन्याय के खिलाफ व्यापक आंदोलन करेगी।"
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