Kolar News
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यूनेस्को ने दिवाली को अमूर्त विश्व धरोहर की सूची में शामिल कर दिया है। इस घोषणा के दौरान भारत सहित घाना, जॉर्जिया, कांगो, इथियोपिया और मिस्र जैसे देशों के सांस्कृतिक प्रतीक भी सूची में शामिल किए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, \"दिवाली हमारी सभ्यता की आत्मा है। यह संस्कृति और प्रकृति से जुड़ा है और ज्ञान व धर्म का प्रतीक है।\" भारत की अब तक 15 अमूर्त विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं, जिनमें दुर्गा पूजा, कुंभ मेला, वैदिक मंत्रोच्चार, रामलीला और छऊ नृत्य शामिल हैं। यूनेस्को की इंटर-गवर्नमेंटल कमेटी की 20वीं बैठक के अवसर पर दिल्ली में 10 दिसंबर को विशेष दीपावली समारोह का आयोजन किया जाएगा। राजधानी के लाल किले में मुख्य कार्यक्रम होंगे, जहां विदेशी मेहमान और बड़े अधिकारी दीप जलाने की रस्म, सांस्कृतिक कार्यक्रम और पारंपरिक कला के प्रदर्शन देखेंगे। दिल्ली सरकार ने पूरे शहर को सजाने, सरकारी इमारतों को रोशनी से सजाने और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी पूरी कर ली है, ताकि दीपावली को “अंधकार से प्रकाश की ओर” ले जाने वाला वैश्विक संदेश दिया जा सके।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
संसद के शीतकालीन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर लोकसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और कहा कि 1937 में मुहम्मद अली जिन्ना के दबाव में कांग्रेस ने ‘वंदे मातरम्’ को टुकड़ों में बांटकर धोखा दिया। पीएम मोदी ने महात्मा गांधी द्वारा इस गीत की तारीफ और राष्ट्रीय गान जैसा महत्व देने के बावजूद कांग्रेस द्वारा इसे तुष्टिकरण की राजनीति के लिए नजरअंदाज किए जाने का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के दबाव में ‘वंदे मातरम्’ का विरोध करना शुरू किया और तुष्टिकरण की राजनीति के लिए घुटने टेके, जिसे उन्होंने विश्वासघात और विभाजन की नींव बताया। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आज भी कांग्रेस की नीतियां पहले जैसी ही हैं और यह अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर राष्ट्रीय गीत को लेकर विवाद पैदा करने की कोशिश करती है।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड अपने चरम पर है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। भोपाल, इंदौर, विदिशा, राजगढ़, शाजापुर और सीहोर में बर्फीली हवाएं तापमान को और नीचे ले जाएंगी। शहडोल के कल्याणपुर में पारा 4.7 डिग्री तक पहुंच गया, जबकि इंदौर सहित 25 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। वैज्ञानिकों के मुताबिक, उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाएं और ऊपरी हवा में 222 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सक्रिय जेट स्ट्रीम ठंड को और तेज कर रही है। भोपाल में रात का तापमान 7.2 डिग्री रहा, जो इस सीजन के सबसे कम स्तरों में से एक है। कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में समय से पहले हुई बर्फबारी का असर भी मध्य प्रदेश पर साफ दिख रहा है। वहीं, राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके और पंजाब-हरियाणा-दिल्ली की सर्द हवाएं मिलकर प्रदेश को जमा रही हैं। पचमढ़ी में तालाबों से भाप उठती दिखी, तो रायसेन में फसलों पर ओस की बूंदें जम गईं। ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन सहित कई शहरों में तापमान 6 से 9.8 डिग्री के बीच दर्ज हुआ। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि दिन और रात दोनों तापमान में और गिरावट देखने को मिल सकती है।
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भोपाल एम्स के वार्षिक संगीत महोत्सव रेटिना 8.0 में बॉलीवुड के प्रसिद्ध सिंगर मोहित चौहान गाना गाते-गाते अचानक स्टेज पर गिर पड़े। घटना तब हुई जब वे सुपरहिट सॉन्ग 'नादान परिंदे' परफॉर्म कर रहे थे और उनका पैर स्टेज पर पड़े केबल वायर में उलझ गया। इससे उनका संतुलन बिगड़ा और वे अचानक गिर पड़े। हालांकि, स्टेज पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों और क्रू मेंबर्स ने तुरंत दौड़कर उन्हें संभाला। कुछ सेकंड के पाउज के बाद मोहित ने अपना गाना फिर से जारी रखा। 59 वर्षीय मोहित चौहान इस हादसे में सुरक्षित रहे और उन्हें किसी प्रकार की चोट नहीं आई। घटना के दौरान फैंस और स्टाफ थोड़े देर के लिए चौंक गए, लेकिन जल्द ही सुरक्षा टीम और डॉक्टरों ने उन्हें उठाकर मदद की। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। आयोजकों के अनुसार, मोहित चौहान का यह परफॉर्मेंस उनका आखिरी गीत था और हादसे के बावजूद उन्होंने कार्यक्रम पूरी तरह से समाप्त किया।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में अब जल्द ही पुजारी और पुरोहित ड्रेस कोड में नजर आएंगे। मंदिर प्रबंध समिति का कहना है कि कई बार एक जैसी परंपरागत वेशभूषा के कारण श्रद्धालु असली पुजारियों और बाहरी लोगों में फर्क नहीं कर पाते, जिससे ठगी की घटनाएं सामने आती हैं। इस समस्या से बचने और पहचान को आसान बनाने के लिए ड्रेस कोड लागू करने की तैयारी की जा रही है। समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि मंदिर के 16 रजिस्टर्ड पुजारी, 22 पुरोहित और करीब 45 प्रतिनिधियों को एक समान ड्रेस कोड पहनना जरूरी होगा। इसके साथ ही सभी को गले में आईडी कार्ड रखना अनिवार्य होगा, जिसमें नाम, फोटो, पता, ब्लड ग्रुप और मोबाइल नंबर का विवरण होगा। इससे अनाधिकृत लोगों का प्रवेश रोका जा सकेगा और श्रद्धालुओं को सही पुजारी-पुरोहित पहचानने में आसानी होगी। कार्ड खोने पर तुरंत महाकाल थाना को सूचना देना अनिवार्य होगा ताकि किसी तरह के दुरुपयोग की संभावना न रहे। मंदिर समिति ड्रेस कोड के मानक तय कर रही है और इसके लागू होने के बाद गर्भगृह व परिसर में केवल अधिकृत और आईडी कार्डधारी लोग ही प्रवेश कर सकेंगे। पहले भी गर्भगृह में प्रवेश के लिए धोती-सोला व साड़ी जैसे पारंपरिक ड्रेस नियम लागू थे, जिससे अनुष्ठान की शुद्धता बनी रहती थी। नई व्यवस्था से मंदिर की मर्यादा और अनुशासन मजबूत होगा और भक्तों को सुरक्षित, पारदर्शी और व्यवस्थित वातावरण मिलेगा।
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लोकसभा में वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर हुई विशेष बहस के दौरान जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर मुस्लिम लीग के दबाव में राष्ट्रीय गीत के “टुकड़े करने” का आरोप लगाया, वहीं डीएमके सांसद ए राजा ने इसका तीखा विरोध किया। राजा ने ऐतिहासिक दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि वंदे मातरम् के कुछ छंद धार्मिक रूप से संवेदनशील थे और यही वजह थी कि इसका विरोध भी हुआ। उन्होंने दावा किया कि गीत में मूर्तिपूजा से जुड़े संदर्भ और कुछ हिस्से ऐसे थे, जिनसे मुसलमानों को आपत्ति होती थी। राजा ने पीएम मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री हर विषय में तुष्टिकरण खोज लेते हैं, जबकि वंदे मातरम् विवाद की जड़ उस समय के सांप्रदायिक तनाव में थी। उन्होंने कहा कि 1905–1908 के बीच बंगाल में मस्जिदों के बाहर जुलूसों में वंदे मातरम् के नारे लगाए जाते थे, जिससे सांप्रदायिक विवाद बढ़ता था। राजा ने यह भी कहा कि “बंटवारा मुसलमानों ने नहीं किया, बल्कि आपके पुरखों ने किया,” और बंकिम चंद्र की रचनाओं में धर्म और देशभक्ति के मेल ने उस दौर में विभाजन की रेखाएं और गहरी कर दीं।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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मकर संक्रांति के मौके पर शहर में भिक्षुकों की संख्या बढ़ने की आशंका के चलते जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। कलेक्टर ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि बाहरी राज्यों से आने वाले भिक्षुकों पर नजर रखी जाए और यह पता लगाया जाए कि वे किन मार्गों से शहर में प्रवेश कर रहे हैं। दान के पर्व और सर्दी के बीच भिक्षुकों की गतिविधियों में बढ़ोतरी के चलते प्रशासन ने रोकथाम के साथ-साथ पुनर्वास के व्यापक अभियान की भी शुरुआत की है। महिला एवं बाल विकास विभाग और अन्य विभागों की संयुक्त टीमें मंदिरों, बाजारों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में लगातार अभियान चला रही हैं। नाबालिग भिक्षुकों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पिछले साल चलाए गए अभियान में 3,000 से अधिक भिक्षुकों को पकड़ा गया और कई को पुनर्वास केंद्रों में भेजा गया। लगभग 1,100 लोगों को आजीविका, कौशल प्रशिक्षण और रोजगार कार्यक्रमों से जोड़कर भिक्षावृत्ति की ओर लौटने से रोका गया। अभियान के दौरान करीब 500 नाबालिग भिक्षुकों की पहचान की गई, जिनमें से 200 से अधिक बच्चों को स्कूल, बाल भवन और आश्रय गृहों में भेजा गया, जबकि 50 से ज्यादा बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया गया। देवगुराड़िया, अन्नपूर्णा, बिजासन और पितृ पर्वत जैसे मंदिरों के आसपास सबसे अधिक बाल भिक्षुक देखे जा रहे हैं। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे भिक्षा न दें और रेस्क्यू अभियान में सहयोग करें, ताकि शहर स्थायी रूप से भिक्षुक मुक्त बनाया जा सके।
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मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना के बयान ने सियासत को गर्मा दिया है। खजुराहो में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि “आवक अच्छी हो रही है इसलिए किसान प्याज फेंक रहे हैं… कांग्रेस के राज में पानी ही नहीं था, इसलिए प्याज होती ही नहीं थी।” उनके इस बयान के बाद किसान और विपक्ष में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। किसानों का कहना है कि उन्हें फसल का उचित दाम न मिलने से मजबूरी में प्याज फेंकनी पड़ रही है, यह किसी भी बयानबाजी का मुद्दा नहीं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कृषि मंत्री के बयान को अन्नदाताओं का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण किसानों को प्याज फेंकनी पड़ रही है। विदेश निर्यात रोकने और समय पर खाद न मिलने से किसान परेशान हैं। प्रदेश में प्याज की बंपर आवक के बावजूद किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहा, जिसके चलते कई जिलों में किसान अपनी फसल सड़क पर फेंक रहे हैं या मुफ्त में बांट रहे हैं। मंत्री के बयान ने इस संकट को और भड़का दिया है।
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