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श्रीनगर । उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करके अमरनाथ यात्रा की अंतिम तैयारियों की समीक्षा की। उपराज्यपाल ने यातायात और सुरक्षा प्रबंधन और सुचारू, सुरक्षित और परेशानी मुक्त पवित्र तीर्थयात्रा के लिए किए गए सभी इंतजामों की व्यापक समीक्षा की। उपराज्यपाल ने अधिकारियों को यातायात सलाह का व्यापक प्रचार करने का निर्देश दिया, ताकि आम आदमी को असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन, एसएसपी, ट्रैफिक पुलिस और अन्य विभागों को निर्धारित काफिले में तीर्थयात्रियों की आवाजाही और यातायात योजना के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए निकट समन्वय में काम करना चाहिए। उन्होंने उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ठहरने के केंद्र और स्वच्छता इकाइयां अच्छी स्थिति में हों। बैठक में मुख्य सचिव अटल डुल्लू, जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शालीन काबरा, डीजीपी नलिन प्रभात, विशेष महानिदेशक (समन्वय) पीएचक्यू एसजेएम गिलानी, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव और एसएएसबी के सीईओ डॉ. मंदीप के. भंडारी और एसएएसबी, पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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नई दिल्ली । केंद्र सरकार नई राष्ट्रीय खेल नीति 2025 (एनएसपी-2025) लाई है जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाना है। एनएसपी-2025 वर्ष 2001 की राष्ट्रीय खेल नीति का स्थान लेगी। इसका लक्ष्य नागरिकों को खेलों के माध्यम से सशक्त बनाना और भारत को 2036 ओलंपिक सहित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन और आयोजन के लिए तैयार करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रीय खेल नीति-2025 को मंजूरी दी गई। सरकार का कहना है कि नीति व्यापक परामर्श के बाद तैयार की गई है, जिसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, नीति आयोग, खेल संघ, खिलाड़ी और विशेषज्ञ शामिल रहे। नीति पांच प्रमुख स्तंभों पर आधारित है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्वनी वैष्णव ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय खेल नीति-2025 के सफल क्रियान्वयन के लिए एक ठोस रणनीतिक ढांचा तैयार किया गया है। इसमें सशक्त खेल प्रशासन के तहत खेलों के लिए मजबूत कानूनी और नियामक ढांचा विकसित करने की योजना है। निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए पीपीपी मॉडल और कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के माध्यम से वित्तीय सहयोग और समर्थन प्राप्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तकनीकी नवाचार जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और अनुसंधान के ज़रिए खिलाड़ियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन और योजनाओं की निगरानी की जाएगी। नीति में एक राष्ट्रीय निगरानी ढांचा भी प्रस्तावित है, जिसमें स्पष्ट प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई), लक्ष्य और समयबद्ध योजनाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस नीति के अनुरूप अपनी राज्य स्तरीय खेल नीतियां बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। खेलों के समग्र विकास के लिए एक समेकित सरकारी दृष्टिकोण अपनाया जाएगा, जिसमें सभी मंत्रालयों और विभागों की योजनाओं में खेलों का एकीकृत समावेश सुनिश्चित किया जाएगा। राष्ट्रीय खेल नीति 2025 पांच प्रमुख स्तंभों पर आधारित है- वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता, आर्थिक विकास, सामाजिक समावेशन, जनभागीदारी और शिक्षा से एकीकरण। इसका उद्देश्य ग्रामीण से शहरी स्तर तक खेलों का विकास, खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण, खेलों को उद्योग से जोड़ना, पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करना और फिटनेस अभियान से जनआंदोलन खड़ा करना है। नीति में स्कूल शिक्षा में खेल समावेश, शिक्षकों का प्रशिक्षण और दोहरी करियर योजनाएं शामिल हैं। सफल क्रियान्वयन के लिए सशक्त प्रशासन, निजी भागीदारी, तकनीकी नवाचार, निगरानी तंत्र, राज्यों के लिए मॉडल नीति और सभी विभागों में खेलों का समावेश सुनिश्चित किया गया है। नीति से जुड़े पांच प्रमुख स्तंभ इस प्रकार हैं- 1. वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता का लक्ष्य जमीनी स्तर से लेकर एलीट स्तर तक प्रतिभा की पहचान और पोषण के लिए प्रभावी ढांचा।ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खेल ढांचे का विकास और प्रतिस्पर्धी लीग्स को बढ़ावा।कोचिंग, प्रशिक्षण और एथलीट सपोर्ट सिस्टम को विश्व स्तरीय बनाना।खेल विज्ञान, चिकित्सा और तकनीक के माध्यम से खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बढ़ाना।कोचों, तकनीकी अधिकारियों और सहायक स्टाफ का प्रशिक्षण और विकास।2. खेलों के ज़रिए आर्थिक विकास खेल पर्यटन को बढ़ावा और भारत में अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की मेज़बानी को प्रोत्साहन।खेल उत्पाद निर्माण और स्टार्टअप को सपोर्ट कर उद्योग का विकास।पीपीपी मॉडल, सीएसआर और नवाचार आधारित फंडिंग के जरिए निजी क्षेत्र की भागीदारी।3. सामाजिक विकास में खेल की भूमिका महिलाओं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, जनजातीय समुदायों और दिव्यांगजनों की सक्रिय भागीदारी।देशी और पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने पर ज़ोर।खेल को कैरियर विकल्प के रूप में स्थापित करने के लिए शिक्षा में समावेशन, वालंटियरिज्म और दोहरी करियर योजनाओं को बढ़ावा।प्रवासी भारतीयों को खेलों के ज़रिए जोड़ना।4. खेल को जन आंदोलन बनाना पूरे देश में फिटनेस अभियान और सामुदायिक आयोजनों के माध्यम से जन भागीदारी को बढ़ावा।स्कूल, कॉलेज और कार्यस्थलों के लिए फिटनेस इंडेक्स शुरू करना।सभी के लिए खेल सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करना।5. शिक्षा से एकीकरण स्कूल पाठ्यक्रम में खेलों का समावेश।शारीरिक शिक्षकों और शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देकर खेल शिक्षा को मज़बूती देना।
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शिवपुरी । एक जुलाई से मध्यप्रदेश में सिर्फ शिक्षकों पर लागू की गई ई अटेंडेंस व्यवस्था को लेकर शिक्षकों में भारी आक्रोश उत्पन्न हो गया है। शिक्षकों का कहना है कि यह व्यवस्था पूर्णतः अव्यवहारिक है और सिर्फ शिक्षकों पर ही व्यवस्था को लागू करना समाज में उन्हे अपमानित करने जैसा है। तो वहीं 70 से 80 प्रतिशत विद्यालय दूर दराज के ग्रामीण ईलाकों में हैं जहाँ मूलभूत व्यवस्थाओं को लेकर अव्यवस्थायें पूर्व से विद्यमान हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्किंग जैसी तकनीकि, प्राकृतिक एवं व्यवहारिक समस्याओं को लेकर शिक्षक, ई अटेंडेंस जैसी तकनीकी व्यवस्था पर सटीकता से कैसे बच पाएगा। पूर्णतः मोबाईल पर आधारित ई अटेंडेंस व्यवस्था मोबाईल नेटवर्क न आने, खराब हो जाने, वार्जिंग व अन्य समस्या उत्पन्न होने पर शिक्षकों को परेशानी का कारण बनेगी। शिक्षकों का यह भी कहना है कि अगर व्यवस्थाओं की खामियों में सुधार करना ही है तो पहले इस व्यवस्था को प्रदेश के सभी कार्यालयों एवं विभागों में लागू किया जाए तभी शासन के मंशानुसार लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। हनुमान चालीसा का पाठ कर विरोध स्वरुप जलाए केंडल-सिर्फ शिक्षकों पर ई अटेंडेंस व्यवस्था लागू करने को लेकर शिक्षक संगठनों नें भारी आक्रोश व्यक्त किया है। तथा विरोध प्रकट करते हुऐ गत दिवस शिक्षक हनुमान मंदिर माधव चौक पर पहुँचे जहाँ उन्होंने श्री हनुमान चालीसा का सात बार पाठ किया। तथा अगले क्रम में अमर शहीद तात्याटोपे शहादत स्थल पहुँचे जहाँ केंडल जलाकर सामूहिक रूप से विरोध प्रकट किया। करैरा, बदरवास, पिछोर, खनियांधाना,पोहरी, नरवर सभी ब्लॉकों पर भी शिक्षकों द्वारा विरोध किया जा रहा है एवं सभी विकास खण्डों पर भी शिक्षकों द्वारा आगामी दिवसों में ई अटेंडेंस के विरोध में ज्ञापन दिया जाएगा। इस विरोध प्रदर्शन के समय मुख्य रूप से अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र पिपलौदा, शासकीय शिक्षक संगठन के जिलाध्यक्ष पवन अवस्थी, जिलाध्यक्ष राजकुमार सरैया, सुनील वर्मा, विपिन पचौरी, वेद प्रकाश शर्मा, अमरदीप श्रीवास्तव, अवधेश श्रीवास्तव, जिला सविव वीरेंद्र अवस्थी, पोहरी ब्लॉक अध्यक्ष कपिल पचौरी सहित तहसीलों से सैकड़ों शिक्षक मौजूद रहे।
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शिवपुरी । शिवपुरी- शिवपुरी जिले में स्थित माधव टाइगर रिजर्व शिवपुरी में मानसून ऋतु में 1 जुलाई 2025 से पर्यटकों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस दौरान पर्यटक नेशनल पार्क में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक माधव टाइगर रिजर्व शिवपुरी ने बताया कि 30 जून 2025 को पर्यटन वर्ष समाप्त हो गया है। जिसके साथ ही मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार 01 जुलाई से 30 सितम्बर तक सभी राष्ट्रीय उद्यानो में पर्यटकों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। मानसून के दौरान पार्क के अंदर स्थित कच्चे रास्ते कीचड़ और बारिश के कारण वाहनों की आवाजाही के लिए उपयुक्त नहीं रहते। इसके साथ ही शिवपुरी के माधव टाइगर रिजर्व में अब टाइगर और हाथी सहितअन्य वन्य प्राणियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में किसी भी तरह का जोखिम उठाना खतरे से खाली नहीं हो सकता, इसलिए नेशनल पार्कों में पर्यटकों के प्रवेश को बाधितकिया जाता है जो वर्षाकाल के उपरांत फिर से शुरु कर दिया जाएगा।
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भोपाल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वसहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए पूरे देश में ज्ञान अभियान चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के एक पेड़ मां के नाम अभियान से प्रेरित होकर प्रदेश में भी नई परियोजना शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन अवसर पर स्वसहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मनरेगा के माध्यम से “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना चलाई जाएगी। परियोजना के अंतर्गत मनरेगा के माध्यम से प्रदेश की 30 हजार से अधिक स्व सहायता समूह की पात्र महिलाओं की निजी भूमि पर 30 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाएं जाएंगे जो महिलाओं की आर्थिक तरक्की का आधार बनेंगे। 30 हजार एकड़ निजी भूमि पर किया जाएगा पौधारोपण मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की स्व-सहायता समूह की 30 हजार से अधिक महिलाओं की 30 हजार एकड़ निजी भूमि पर ‘’एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना के अंतर्गत पौधरोपण किया जाएगा। लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत से आजीविका संर्वद्धन के लिए 30 लाख उद्यानिकी पौधों का रोपण कर फलोद्यान का विकास किया जाएगा। परियोजना के तहत हितग्राहियों को पौधे, खाद, गड्ढे खोदने के साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए कटीले तार की फेंसिंग और सिंचाई के लिए 50 हजार लीटर का जल कुंड बनाने के लिए राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही उद्यान के विकास के लिए महिला हितग्राहियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा। 15 अगस्त से शुरू होगा अभियान “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना अंतर्गत फलदार पौधारोपण का कार्य प्रदेश में 15 अगस्त से अभियान के रूप में शुरू होगा जो 15 सितंबर तक चलेगा। फलदार पौधरोपण की इच्छुक महिलाओं का होगा चयन “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना के अंतर्गत आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह की ऐसी महिला सदस्य, जो फलदार पौधारोपण करने हेतु इच्छुक हों, का चयन किया जाएगा। चयनित महिला हितग्राही के नाम पर भूमि नहीं होने की दशा में उस महिला के पति-पिता-ससुर-पुत्र की भूमि पर उनकी सहमति के आधार पर पौधरोपण किया जाएगा। अत्याधुनिक तकनीक से किया जाएगा स्थल चयन “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना अंतर्गत पौधरोपण के लिए स्थल का चयन अत्याधुनिक तकनीक (सिपरी सॉफ्टवेयर) के माध्यम से किया जाएगा। स्थल चयन के लिए सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से चयनित हितग्राही की भूमि का परीक्षण किया जाएगा। साथ ही तकनीक के माध्यम से जलवायु, कौन सा फलदार पौधा जमीन के लिए उपयुक्त है, पौधा किस समय और कब लगाया जाएगा इसका भी सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से पता लगाया जाएगा। उपयोगी जमीन नहीं पाए जाने पर पौधरोपण का कार्य नहीं होगा।
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भोपाल । खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत सम्मिलित पात्र हितग्राहियों की पहचान सुनिश्चित कर वास्तविक हितग्राहियों को राशन वितरण करने के लिये हितग्राहियों की ई-केवायसी करने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया है कि शेष हितग्राहियों की ई-केवायसी कराने तथा मृत तथा अपात्र एवं अस्तित्वहीन हितग्राहियों का मौके पर सत्यापन के बाद उनका नाम हटाने के लिये 1 से 15 जुलाई तक विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये गये हैं। गौरतलब है कि अभी तक कुल पात्र हितग्राही 5 करोड़ 32 लाख 42 हजार में से 4 करोड़ 75 लाख 66 हजार हितग्राहियों के ई-केवायसी किये जा चुके हैं। इनमें 2 लाख 36 हजार हिताग्राहियों के नाम विलोपित किये गये हैं। इनमें से 54 लाख 40 हजार की ई-केवायसी किया जाना शेष है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित समय-सीमा में ई-केवायसी कराने के लिये जून माह में ई-केवायसी से शेष परिवारों को ई-केवायसी के बाद राशन वितरण की व्यवस्था की गई है। खाद्य मंत्री राजपूत ने बताया कि ई-केवायसी से शेष हितग्राहियों का घर-घर जाकर सत्यापन करने के लिये वार्ड प्रभारी/पंचायत सचिव/रोजगार सहायक की ड्यूटी लगाने के निर्देश कलेक्टर्स को दिये गये हैं। ई-केवायसी से शेष हितग्राहियों की सूची उचित मूल्य दुकान/ग्राम पंचायत/वार्ड कार्यालय पर चस्पा की जाएगी। मौके पर उपलब्ध एवं पात्र हितग्राहियों को उचित मूल्य दुकान पर जाकर अथवा “मेरा राशन” एप पर फेस एथेंटिकेशन के माध्यम से ई-केवायसी करने के लिये अवगत कराने और हितग्राही के आधार नंबर में दर्ज नाम, मोबाइल नंबर त्रुटिपूर्ण होने एवं बायोमेट्रिक डाटा अपडेट न होने पर आधार केम्प में जाकर डाटा अपडेट कराने के निर्देश दिये गये हैं। पात्र हितग्राही द्वारा उचित मूल्य दुकान पर ई-केवायसी कराने पर आगामी दिवस में पात्रतानुसार राशन प्राप्त किया जा सकेगा। कलेक्टर्स को निर्देश दिये गये हैं कि ग्राम/वार्ड में सत्यापन के लिये नियत दिनांक की सूचना एक दिन पूर्व हितग्राहियों को विभिन्न माध्यमों से उपलब्ध कराई जाए। ई-केवायसी की मॉनीटरिंग के लिये अनुभाग एवं जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाए, जिसमें सत्यापन दल द्वारा प्रतिदिन की कार्यवाही की जानकारी ली जाए। साथ ही पात्र ई-केवायसी करने में आने वाली समस्याओं का निराकरण किया जाए। शेष हितग्राहियों के ई-केवायसी करने एवं अपात्र/मृत/स्थाई पलायन/दोहरे हितग्राहियों का विलोपन घर-घर जाकर सत्यापन अभियान के संबंध में स्थानीय जन-प्रतिनिधियों को भी अवगत कराया जाए। शेष हितग्राहियों के ई-केवायसी कराने का अभियान समाप्त होने तक भी ई-केवायसी नहीं होती है, तो यह समझा जाएगा कि या तो व्यक्ति अस्तित्व में नहीं है या फिर उसे राशन की आवश्यकता नहीं है। ऐसी स्थिति में उनके नाम को सूची से विलोपन की कार्यवाही पर विचार किया जा सकेगा।
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इंदौर । मध्य प्रदेश में रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे ही एक सड़क हादसे में दाे घराें के चिराग बुझ गए, जबकि तीन अपनी जिंदगी की जंग लड़ रहे है। मामला इंदाैर शहर का है। जहां साेमवार देर रात एक तेज रफ्तार कार हादसे का शिकार हाे गई। कार में पांच दाेस्त सवार थे और सभी शहर घूमने निकले थे। इस दाैरान हादसे का शिकार हाे गए। हादसे में दो इंजीनियरिंग छात्रों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार घटना तेजाजी नगर थाना क्षेत्र में बायपास स्थित ब्रिज के पास सोमवार देर रात करीब 2 बजे की है। सभी छात्र महेश्वर के पास ढापला गांव के रहने वाले थे और इंदौर में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। मृतकों की पहचान धीरज पाटीदार (20) पुत्र किशोर पाटीदार निवासी ग्राम ढापला, थाना मंडलेश्वर और धुव्र पाटीदार पुत्र डालूराम पाटीदार, निवासी धरगांव, मंडलेश्वर के रूप में हुई है। दोनों इंदौर के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक कर रहे थे और रेडियो कॉलोनी में किराए के फ्लैट में रहते थे। हादसे में हेमंत पाटीदार, आदित्य और यशराज नामक तीन छात्र घायल हुए हैं। इनमें हेमंत महाराणा रणजीत सिंह कॉलेज से बीएससी कर रहा है। सभी घायलों को इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कार धीरज लेकर आया था। सभी दोस्त देर रात शहर घूमने निकले थे, इसी दौरान बायपास पर ब्रिज के पास कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई और पलट गई। आशंका है कि कार तेज रफ्तार में थी। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और एम्बुलेंस की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस ने छात्रों के परिजनों को मंडलेश्वर में सूचना दे दी है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाले जा रहे है ताकि हादसे के सही कारणों का पता लगाया जा सके।
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भाेपाल । राजधानी भाेपाल में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक युवक ने अपनी लिव इन पार्टनर की गला घोंटकर हत्या कर दी। प्रेमिका की हत्या करने के बाद आरोपी ने शव को चादर में लपेटकर बेड पर रखा और दो रात तक शव के पास ही सोया। वारदात के बाद युवक ने अपने दोस्त को नशे की हालत में फोन कर हत्या की जानकारी दी। लेकिन दोस्त ने पहले उसकी बात पर भरोसा नहीं किया, जब उसने दूसरे दिन साेमवार काे भी यह बात कही तो मामले का खुलासा हुआ। आरोपी के दोस्त ने पुलिस को इस घटना की जानकारी दी। साेमवार रात में पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। पुलिस ने आरोपी प्रेमी को हिरासत में ले लिया है। दरअसल घटना स्टेशन बजरिया इलाके में शनिवार-रविवार की दरमियानी रात की है। थाना प्रभारी शिल्पा कौरव के मुताबिक, करारिया फॉर्म गायत्री नगर में मकान नंबर 34 में रितिका सेन (29) आरोपी सचिन राजपूत के साथ लिवइन रिलेशनशिप में रह रही थी। दोनों साढे़ तीन साल से एक साथ रह रहे थे। बताया जा रहा है कि 27 जून की रात को तीखी बहस के बाद हत्या की गई। दरअसल, सचिन बेरोजगार था और ईर्ष्या से ग्रस्त था। उसे शक था कि रितिका, जो एक निजी फर्म में काम करती थी, का उसके बॉस के साथ संबंध है। बहस हिंसक हो गई और गुस्से में आकर उसने गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। आरोपी सचिन राजपूत मूलरूप से विदिशा के सिरोंज का रहने वाला है। हत्या के बाद वह रितिका के शव के पास रात भर सोया। रविवार को नशे में धुत्त सचिन ने मिसरोद में अपने दोस्त अनुज के सामने हत्या की बात कबूल की। अनुज ने उस पर यकीन नहीं किया। फिर सोमवार को भी दिनभर का काम निपटाने के बाद दोस्त को फोन कर हत्या करने की बात बताई। दोबारा हत्या की बात पर दोस्त ने घर पहुंचकर बॉडी देखी तो उसने डायल 100 पर मामले की सूचना दी। 2 दिन पुराना शव होने के कारण शव डी कंपोज्ड होने लग गया था। साेमवार रात काे जब बजरिया पुलिस किराए के घर पहुंची, तो उन्हें रितिका का सड़ता हुआ शव मिला, जो अभी भी उसी कंबल में लिपटा हुआ था। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो आरोपी वहीं मौजूद था। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने नशे की हालत में प्रेमिका की हत्या करने की बात कबूल की है। उसने बताया कि उसके और प्रेमिका के बीच आए दिन विवाद होते थे। वह उससे पीछा छुड़ाना चाहता था लेकिन वह उसे छोड़ने को तैयार नहीं थी। वारदात से पहले दोनों के बीच विवाद हुआ था। मकान मालिक ने बताया कि 10 महीने पहले दोनों उनके मकान में किराए से रहने आए थे। वह एक दूसरे को पति-पत्नी बताते थे, उन्होंने सचिन का वेरिफिकेशन नहीं कराया था। क्योंकि वह सचिन को पहले से जानते थे, पूर्व में भी दोनों 6 महीने उनके घर किराए से रहकर गए थे। तब दोनों के बीच किसी प्रकार की कोई विवाद नहीं होते थे। सचिन के दोस्त ने बताया कि दोनों की शादी नहीं हुई थी। दोनों लंबे समय से रिलेशनशिप में थे। पुलिस स्टेशन इंचार्ज शिल्पा कौरव ने बताया कि “महिला की पहचान रितिका सेन के रूप में हुई है। वह अपने प्रेमी सचिन राजपूत के साथ रह रही थी, जो शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं। आराेपी सचिन को हिरासत में ले लिया गया है और हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है और जांच जारी है।
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