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मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा फिर उठा है। इसे लेकर कर्मचारी राजधानी में रैली भी निकाल रहे हैं। आगे भी प्रदर्शन की रणनीति बनाई है। ताकि, शिवराज सरकार प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल कर सके। कर्मचारी नेता चुनावी साल में इसे सबसे बड़ी मांग बता रहे हैं। इसे लेकर मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी समेत अन्य संगठनों ने आगामी आंदोलन की रणनीति बताई है। वहीं, रविवार को भी इसे लेकर भोपाल में प्रदर्शन होगा।राजस्थान सरकार पिछले साल ही पुरानी पेंशन बहाल कर चुकी है। इसके बाद से ही मध्यप्रदेश के कर्मचारी संगठन और कांग्रेस भी इसे मुद्दा बना रही है। सरकार से पुरानी पेंशन बहाल करने की लगातार मांग की जा रही है। वहीं, कांग्रेस इसे चुनावी मुद्दा बनाने के मूड में है। यही कारण है कि चुनाव से पहले पुरानी पेंशन का मुद्दा फिर से जोर पकड़ने लगा है और कर्मचारी संगठन फिर से आंदोलन करने के लिए सड़क पर उतर रहे हैं।कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की एरियर्स की राशि का तत्काल भुगतान किया जाए।लिपिक संवर्ग को मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान दिया जाए। अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी समयमान वेतनमान दें।
पंचायत सचिव और स्थायीकर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए।वन विभाग के कर्मचारियों पर बिना जांच के अपराधिक प्रकरण दर्ज न किया जाए। न ही उनकी गिरफ्तारी की जाए। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लंबित मांगों का जल्द निराकरण किया जाए। वाहन चालकों की नियमित भर्ती की जाए एवं पद नाम परिवर्तित कर टैक्सी प्रथा पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया जाए। भृत्य का पदनाथ परिवर्तित कर कार्यालय सहायक किया जाए।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को नियमित वेतनमान, ग्रेज्यूटी और पेंशन लाभ दिया जाए।
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