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मध्यप्रदेश में नई शराब नीति को लेकर सीएम शिवराज सिंह और पीसीसी चीफ कमलनाथ आमने सामने आ गए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मध्यप्रदेश को मदिरा कहा तो मुख्यमंत्री उन पर भड़क गए। सीएम शिवराज ने इसे प्रदेश की साढ़े 8 करोड़ जनता का अपमान करार दिया। कमलनाथ ने इसके जवाब में कहा कि 'मदिरा प्रदेश' शब्द तो आप ही प्रदेश के लिए उपयोग में लाए थे। बुधवार को कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश की आबकारी नीति 2023-24 को लेकर शिवराज सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश की छवि बदलकर 'मदिरा प्रदेश' की कर दी है। यहां राशन महंगा और शराब सस्ती है। इसी बयान पर गुरुवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार किया है।सीएम शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा- 'कमलनाथ जी को मध्यप्रदेश की माटी, यहां के संस्कारों और यहां की संस्कृति से लगाव नहीं है। वो यहां की जड़ों से नहीं जुड़े हैं। वो मध्यप्रदेश को मदिरा प्रदेश कह रहे हैं। यह मध्यप्रदेश, यहां की साढ़े 8 करोड़ जनता, संस्कृति और परंपराओं का अपमान है। मध्यप्रदेश के भोले-भाले लोग मेहनती, ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ और देशभक्त हैं। आप उनका अपमान कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि 'जनता को ऐसे आहत मत कीजिए। आपका विरोध हमसे है, तो आप हमें गाली दीजिए, लेकिन मध्यप्रदेश का अपमान सहन नहीं करेंगे। भाजपा सरकार ने जन भावनाओं और माता-बहनों के सम्मान को देखते हुए आबकारी नीति बनाई है। नशे को हतोत्साहित करने के लिए बनाई है।आपने उस समय फैसला किया था शराब ठेकेदार, उप दुकान खोल सकेंगे। उसकी राशि तय कर दी थी कि कितने करोड़ देकर उप दुकान खोल लेंगे। लाइसेंस के नियम को आसान करने की नीति कमलनाथ सरकार ने बनाई थी। आपने ऑनलाइन शराब बिकेगी, महिलाओं बहनों के लिए अलग से शराब की दुकान होंगी'। आपकी नीति ठेकेदारों के लिए बनती थी। दवाब में बनती थी, उनके हिसाब से बनती थी।सीएम ने कहा कि भाजपा की नीति है नशे को हतोत्साहित करने के लिए, माता-बहन और बेटी के सम्मान को बरकरार रखने के लिए बनती है। इसलिए हमने तय किया कि हम सारे अहाते बंद करेंगे। मध्यप्रदेश के लिए तो आपके मन में सम्मान का भाव होना चाहिए। आपने प्रदेश का अपमान किया है, जनता इसे सहन नहीं करेगी'।
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