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मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती चुनावी साल में शराब के मुद्दे पर शिवराज सरकार को लगातार घेर रही हैं। उन्होंने प्रदेश की नई शराब नीति जारी होने तक के लिए घर छोड़ मंदिर में डेरा डाल लिया है। वो नई शराब नीति घोषित किये जाने तक मंदिर में ही रहेंगी। हालाँकि इस मसले पर उन्होंने एक बार फिर यूटर्न ले लिए है। शराब में मसले पर यू टर्न लेने के बाद भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती अब 31 जनवरी तक भोपाल के अयोध्या नगर स्थित हनुमान और दुर्गा मंदिर में ही रहेंगी। उन्होंने शनिवार शाम से मंदिर में डेरा डाला और बीजेपी संगठन के साथ ही सरकार को घेरा। उमा भारती ने कहा कि 31 जनवरी को मध्यप्रदेश सरकार की शराब नीति भी डिक्लेअर हो जाएगी, उसको यहीं बैठकर मैं सुनूंगी मुझे। लगा कि यह सबसे अच्छी जगह है यह बहुत सिद्ध स्थान है। 50 साल से ज्यादा पुराना हनुमान जी का मंदिर है और 20 साल से ज्यादा पुराना दुर्गा जी का मंदिर है। ठीक सामने सारी मर्यादाओं का उल्लंघन करता हुआ शराब का बहुत बड़ा अहाता है। जो आज की शराब नीति का भी उल्लंघन कर रहा है।
उमा भारती ने मंदिर परिसर में कहा- कुछ समय पहले तक जब हम विपक्ष में थे, तब हमने अवैध उत्खनन और शराब नीति का खुलकर विरोध किया। सत्ता में आने के बाद अचानक हम वह बातें भूल गए हैं। अब हमें वह बातें याद करनी पड़ेंगी। मुझे विश्वास है कि अगर मेरे कहने पर नियंत्रित शराब वितरण प्रणाली लागू हो गई तो मध्यप्रदेश में 2003 का रिकॉर्ड रिपीट हो जाएगा। बीजेपी को बड़ी संख्या में महिलाएं वोट देंगी, क्योंकि शराब में सब बह जाता है। सारी योजनाएं शराब में बह जाती हैं। उमा भारती का मानना है नियंत्रित शराब वितरण प्रणाली में मध्यप्रदेश ही मॉडल स्टेट बन सकता है। उन्होंने कहा गैर भाजपाई सरकारों ने भी हमारी सरकार की कई चीजें कॉपी की हैं। वे नियंत्रित शराब वितरण प्रणाली पर भी हमें कॉपी करेंगे। हमने दिल्ली और छत्तीसगढ़ में इसका विरोध किया है तो हम दो मुंह नहीं रख सकते। जो मुंह छत्तीसगढ़ और दिल्ली में होगा, वही मुंह मध्यप्रदेश में भी रखना पड़ेगा। मेरा भरोसा टूटा नहीं है, मैं आशान्वित हूं। शिवराज सिंह से मेरी बहुत रिलेक्स माइंड से बात हुई है। फिर भी मैं क्या करूं? मेरा दिल ही ऐसा है कि मैं थोड़ी सी आशंकित हो गई हूं। उमा ने शराबबंदी की अपनी पुरानी मांग पर यूटर्न लेते हुए कहा मैंने कभी भी शराब पर रोक लगाने के लिए नहीं कहा। मैंने ये कहा था कि मेरा बस चलेगा तो मैं रोक लगा दूंगी। मेरा विश्वास यही है कि शराब बिल्कुल नहीं पीनी चाहिए लेकिन क्या इस बात को मैं मनवा सकती हूं? मैं एक चीज बनवा सकती हूं कि शराब वितरण प्रणाली के ऊपर नियंत्रण हो जाए। इस बात पर मैंने भरोसा भी किया।
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