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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि निर्माण विभाग अपने कार्यों की समय-सीमा, विभिन्न विभागों से मिलने वाली अनुमतियों, भू-अर्जन में लगने वाले समय तथा अन्य तकनीकी कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए व्यवहारिक रूप से निर्धारित करें। साथ ही अंतर विभागीय समस्याओं के समाधान के लिए विभागों द्वारा स्वयं पहल की जाए। निर्माण कार्यों में गतिरोध से राज्य की प्रगति प्रभावित होती है। मुख्यमंत्री चौहान प्रोजेक्ट मैनेजमेंट फ्रेमवर्क के अंतर्गत परियोजनाओं की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। समत्व भवन में आयोजित बैठक में अपर मुख्य सचिव जल संसाधन एस.एन. मिश्रा, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में सागर जिले की बंडा तहसील में बेवस नदी पर पगरा बांध तथा पंचम नगर बैराज, धार जिले में राजौंदा मल्टी विलेज वॉटर सप्लाई स्कीम में 79 गांवों के लिए जलापूर्ति योजना, मध्यप्रदेश अर्बन डव्लेपमेंट कंपनी लिमिटेड अंतर्गत बैतूल जिले की आमला, बैतूल बाजार और सारणी जल प्रदाय योजना तथा भिंड जिले की आलमपुर, दबोह, मिहोना, फुफकलां जल प्रदाय योजना तथा भोपाल के डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी नगर मार्ग (कोलार रोड) के उन्नयन तथा पुनर्निर्माण के लिए जारी गतिविधियों की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री चौहान ने स्थानीय स्तर पर आ रही समस्याओं का त्वरित निदान कर, निर्माण कार्यों को गति देते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
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