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राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है, साहित्य सामाजिक-राजनैतिक परिवर्तनों को प्रतिबिंबित करता है। साहित्यकार अपने जीवन में जहाँ साहित्य की सेवा में लगा रहता हैं वहीं, संग्रहालय साहित्यकारों की स्मृति को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रेरणा स्रोत होता है। राज्यपाल पटेल आज दुष्यंत कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय के रजत जयन्ती के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल पटेल ने कहा कि महावीर प्रसाद द्विवेदी, रामनरेश त्रिपाठी, राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त और ऐसे अनगिनत साहित्यकारों को पढ़कर हम बड़े हुए हैं, जिन्होंने हिन्दी को अपनी कृतियों से समृद्ध किया है। साहित्यकारों की पाण्डुलिपियाँ और धरोहर को सहेजने का प्रशंसनीय कार्य इस संग्रहालय में किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि जब भी हम अपने चिर-परिचित लेखकों, कवियों की हस्तलिपि को देखते हैं तो हमारा मन आनंदित हो जाता है। समारोह में संग्रहालय के निदेशक राजुरकर राज, अध्यक्ष रामराव वामनकर एवं पूर्व अध्यक्ष ममता तिवारी सहित बड़ी संख्या में नागरिकगण मौजूद थे।
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