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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश स्थापना दिवस से मध्यप्रदेश के गान के समय सभी नागरिकों से खड़े को कर सम्मान देने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा की पहले मध्यप्रदेश गान के समय खड़े होकर सम्मान देने की परम्परा नहीं थी। आज से यह परम्परा प्रारंभ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज स्थापना दिवस समारोह में प्रस्तुत मैत्रेयी जी के दल की प्रस्तुतियाँ अद्भुत एवं अलौकिक हैं। प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी यह प्रस्तुति करवाई जाएंगी। मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर मुख्य कार्यक्रम में लाल परेड ग्राउंड, भोपाल में आज मुख्यमंत्री चौहान सहित जन-प्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे। सुप्रसिद्ध तीन संगीतकारों शंकर, एहसान और लॉय समूह द्वारा बैंड प्रस्तुति और जानीमानी कोरियोग्राफर मैत्रेयी पहाड़ी का साथी कलाकारों के साथ नृत्य नाटिका “शिव महात्म्य” का लाइव कार्यक्रम देखने का अवसर राजधानी के नागरिकों को मिला। सभी प्रदेशवासियों ने विभिन्न संचार माध्यमों से कार्यक्रम को देखा। इन प्रस्तुतियों के लिए संस्कृति विभाग द्वारा समन्वय किया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने आमंत्रित कलाकारों का स्वागत करते हुए प्रदेश की जनता की ओर से उनका अभिनन्दन किया।
संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि आज का दिन सपनों, संकल्पों और अपनी निष्ठाओं के सर्वस्व समर्पण का दिन है। हम सब सौभाग्यशाली है कि प्रदेश को मुख्यमंत्री चौहान का सरल, सहज और सक्रिय नेतृत्व मिला है। मुख्यमंत्री चौहान के मार्गदर्शन में देश का हृदय प्रदेश "मध्यप्रदेश" विभिन्न विधाओं में देश के राज्यों में अग्रिम पंक्ति पर है। सभी को मुख्यमंत्री चौहान के साथ यह संकल्प लेना चाहिए कि हम प्रदेश को विकास के क्षेत्र में देश और दुनिया की सबसे अग्रिम पंक्ति में ले जाएंगे। मंत्री ठाकुर ने कवि कृष्ण सरल की पंक्तियाँ सुना कर युवा शक्ति का आहवान किया।प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने स्थापना दिवस समारोह के कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि प्रदेश का 67वाँ स्थापना दिवस समारोह शैव भक्ति एवं ज्ञान आधारित रहा है। शून्य से शिव, शिव से कालातीत महाकाल की कथा नृत्य, संगीत और 3डी तकनीकी संयोजन के साथ प्रस्तुत की गई। साथ ही सुविख्यात शंकर-एहसान-लॉय बैंड की गीत-संगीत की सुरमई प्रस्तुति संयोजित की गई। संचालक संस्कृति अदिती कुमार त्रिपाठी ने आभार माना।
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