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शिवराज के मंत्री बिसाहूलाल सिंह अपने कामों से कम और विवादित बयानों से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। शिवराज सरकार के मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने एक बार फिर राजपूत समाज पर विवादित बयान दे डाला। बिसाहूलाल ने रतलाम के पिपलौदा में मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान कार्यक्रम में अपने नाम के पीछे लगे सिंह के बारे में बताया। इस दौरान उन्होंने कहा रीवा राज में शेर का शिकार हम करते थे राजा केवल फोटो खिंचवाते थे। वे शिकार तो कर नहीं पाते थे राजा शराब पीकर पड़े रहते थे। बिसाहूलाल के इस बयान पर काँग्रेस ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मंत्री बिसाहूलाल सिंह लगातार विवादास्पद व उल जलूल बयान देने के आदी हो गए हैं। ऐसा लग रहा है खुद भाजपा ने अपने नेताओं व मंत्रियों को विभिन्न समाजों के अपमान करने की जवाबदारी दे रखी है। शिवराज सरकार के मंत्री बिसाहूलाल का विवादित बयानों से गहरा नाता है। कभी वो सवर्ण समाज की महिलाओं को बाहर निकालने का विवादित बयान देते हैं। तो कभी सवर्णों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं। अब एक बार फिर मंत्री बिसाहूलाल ने राजपूत समाज के खिलाफ विवादित बयान दिया है।
बिसाहूलाल ने रतलाम के पिपलौदा में मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान कार्यक्रम में अपने नाम के पीछे लगे सिंह के बारे में बताते हुए कहा कि रीवा संभाग में जहां से नर्मदा नदी निकलती है, वहां एक जमाने में बहुत शेर हुआ करते थे। रीवा राज के राजा शेर का शिकार तो कर नहीं पाते थे। शराब पीकर पड़े रहते थे। हम लोगों के समाज के लोगों को जंगल में हाका करवाते थे। और मंच बनवा के बंदूक थमा देते थे। जब हम लोग शेर मार देते थे तो राजा बोलते थे कि मैंने शेर मारा है। हमारे लोगों से शिकार कराने के कारण हमारे नाम के पीछे सिंह लिखा हुआ है। मंत्री बिसाहूलाल उटपटांग बयान देने के बजाय अगर काम करके दिखाते तो शायद इससे अच्छी सुर्खियां बटोर सकते थे। बिसाहूलाल को पिछले बयान पर बीजेपी शीर्ष नेताओं ने समझाइश दी थी। लेकिन अब उसका असर ख़त्म हो गया है। जिसके बाद उन्होंने फिर राजपूत समाज पर विवादित टिप्पणी कर डाली। बिसाहूलाल के बयान को लेकर कांग्रेस ने उनको मंत्री पद से हटाने की मांग की है। मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि प्रदेश के मंत्री बिसाहूलाल सिंह का वर्तमान बयान बेहद आपत्तिजनक है। और उनके अभी तक के सारे आपत्तिजनक बयानों को देखते हुए तत्काल भाजपा को उन पर कड़ी कार्रवाई करना चाहिए। उन्हें प्रदेश मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।
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