Advertisement
प्रदेश के कृषि मंत्री एवं किसान नेता कमल पटेल ने चित्रकूट में पंच महाभूत की अवधारणा पर पर्यावरण का देशज आख्यान स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय संवाद में आयोजित सुजलाम कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बड़ा रहस्योद्घाटन किया है। उन्होंने कहा कि समय रहते अगर हम नहीं चेते तो भारत में कोरोना से भी भयावह स्थिति कैंसर को लेकर होने वाली है। यह मैं नहीं कह रहा हूं बल्कि देश के कृषि वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा किया है। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में प्रकृति का अत्याधिक दोहन करने के कारण ही पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ गया है। क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। इसी सिद्धांत पर जल, जंगल, जमीन का जरूरत से ज्यादा दोहन मानव द्वारा किया जा रहा है। जिस कारण पर्यावरणीय वातावरण बदल गया है। समय रहते अगर हम नहीं चेते तो वह दिन दूर नहीं जब हम एक-एक सांस लेने के लिए तरस जाएंगे। कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि हम सबको मिलकर जल,जंगल,जमीन को बचाने के लिए एकजुट होना जरूरी है। सामाजिक जागरूकता के साथ खेती किसानी में प्राकृतिक एवं जैविक खेती की ओर हमें वापस जाना होगा। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री रहते हुए 1 दिन का उपवास शुरू किया था 1965 के पहले हमारे देश में अन्न का उत्पादन कम होता था। प्रधानमंत्री शास्त्री ने देश की जनता को अन्न बचाने का संदेश उपवास कर दिया था लेकिन 1965 से देश में हरित क्रांति शुरू हुई तो रसायनिक उर्वरकों का हमारी खेती किसानी में उपयोग इतना ज्यादा से ज्यादा हो गया कि हमारे खेतों की मिट्टी की उपजाऊ क्षमता क्षीण होती जा रही है। पंजाब जैसा प्रांत हमारे सामने एक उदाहरण के तौर पर है। पंजाब के खेतों में रसायनिक उर्वरकों के अत्याधिक प्रयोग से पूरा प्रांत कैंसर जैसी बीमारी के चपेट में आ गया है। कैंसर एक्सप्रेस के नाम से ट्रेन चल रही है। पटेल ने कहा कि कृषि वैज्ञानिको ने चेतावनी दी है कि यदि इसी प्रकार रसायनिक उर्वरकों का उपयोग देश की खेती किसानी में होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे देश में कोरोना से भी बड़ी भयावह स्थिति उत्पन्न होगी। लोग कैंसर जैसी बीमारी से ग्रसित हो जाएंगे। इसलिए समय रहते हम सब को संभलना लेना होगा।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |