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बीजेपी नेता उमा भारती शराबबंदी के लिए अभियान छेड़े हुए है। उन्हीं की पार्टी की सरकार के दौरान एमपी में शराब की खपत बढ़ गयी है। कांग्रेस अब जवाब मांग रही है। बीजेपी अपने ही बयानों में फंस गयी है। मध्यप्रदेश में एक बार फिर शराब पर सियासत शुरू हो गई है। इस बार शराब की खपत बढ़ने के लिए बीजेपी कांग्रेस आमने सामने हैं। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती लगातार शराबबंदी के लिए मुखर हैं तो वहीं सरकार भी शराबबंदी का समर्थन कर रही है। एमपी में साल 2019-20 की तुलना में इस साल की तिमाही में बीयर की खपत 50% बढ़ गई है। जबकि देसी शराब की खपत 18% तो विदेशी शराब की 8% बढ़ी है। आबकारी विभाग ने 2020-21 और 2021-22 को कोविड-19 प्रभावित वर्ष मानकर अपनी इस साल की ग्रोथ की तुलना 2019-20 से की है. अप्रैल में बीयर की खपत 61% तक बढ़ी है।
कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कमलनाथ की सरकार में होम डिलीवरी की व्यवस्था की गई थी। उन्होंने पग पग शराब और डग डग शराब की व्यवस्था की थी। बीजेपी ने ऐसी नीति अभी तक नहीं अपनाई। यदि शराब की बिक्री बढ़ी है तो कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता को शराब के सेवन की मात्रा कम करने पर जोर देना चाहिए। लोगों के बीच जाकर प्रचार प्रसार करें कि शराब ना पीएं। इन चीजों में ध्यान देना चाहिए. आरोप लगाने से कुछ नहीं होता। कांग्रेस सरकार ने घर-घर शराब पहुंचाने की नीति अपनाई थी यह नीति बीजेपी ने तो नहीं अपनायी।
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