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मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में पांच अगस्त को होने वाला अध्यक्ष का चुनाव कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। 47 सदस्यीय निगम परिषद में 19 कांग्रेस के, 15 भाजपा के जबकि बहुजन समाज पार्टी के 6, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के 1-1 और 5 निर्दलीय पार्षद चुनकर आये हैं। कल महापौर और पार्षदों के शपथ ग्रहण के दौरान भाजपा के खेमे में एक नर्दिलीय और एक अन्य पार्षद बैठे हुए दिखाई देने से उनकी संख्या बढ़कर 17 बताई गई है। जबकि भाजपा के जिला अध्यक्ष डॉ योगेशपाल गुप्ता ने अपने दल के साथ बीस पार्षद होने का दावा किया है।
वहीं शपथ ग्रहण के दौरान मंच पर कांग्रेस के खेमे में कांग्रेस के 19 पार्षदों के साथ-साथ बसपा और नर्दिलीयों सहित 32 पार्षदों की संख्या दिखी। शपथ ग्रहण समारोह के बाद दोनों दलों के पार्षद एवं समर्थक लग्जरी गाड़ियों में सवार होकर रवाना हो गए है।सूत्रों ने बताया कि ये सभी पार्षद सभापति के पांच अगस्त को होने वाले चुनाव के लिये चार अगस्त की रात्रि में मुरैना सीमा में प्रवेश कर पांच अगस्त को सभापति के लिये मतदान करेंगे। सूत्रों ने बताया है कि दोनों दलों के पार्षद किसी अंजान जगह पर कड़ी सुरक्षा के साथ ठहरे हुए हैं। कांग्रेस ने सभापति पद के लिये पार्षद राधारमण डंडोतिया के नाम की घोषणा कर दी है। जबकि भाजपा ने अभी तक सभापति के नाम का खुलासा नहीं किया है। बताया गया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को अंदेशा था कि कहीं शपथ ग्रहण के दौरान उनके पार्षदों को पुलिस और प्रशासन अपने कब्जे में लेकर भाजपा को न सौंप दे। सभापति पद किस पार्टी के खाते में जाता है, यह तो पांच अगस्त को होने वाले चुनाव से स्पष्ट होगा, लेकिन अध्यक्ष के पद को लेकर दोनों ही पार्टी अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न मानकर चल रहे हैं।
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