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मध्य प्रदेश में साल 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन राजनैतिक दलों में अभी से घमासान शुरू हो गया है। मंगलवार को बीजेपी के सियासी दांव के चलते प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में सपा का कोई विधायक नहीं बचा है। सपा विधायक रहे राजेश शुक्ला ने भाजपा का दामन थाम लिया और उसके बाद सपा की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रामायण पटेल ने बीजेपी और प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा अपनी धनबल का उपयोग कर विपक्षी दलों के विधायकों को तोड़ रही है। प्रदेश में खुलेआम लोकतंत्र की हत्या हो रही है। विधायक राजेश शुक्ला को सपा पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने और भाजपा में शामिल होने पर सपा की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है। पटेल ने दावा किया है कि हम पूरी तैयारी के साथ विधानसभा चुनाव 2023 लड़ेंगे और मध्य प्रदेश में अगली सरकार सपा के समर्थन के बिना नहीं बनेगी।
राजेश शुक्ला ने दल बदल पर कहा कि क्षेत्र विकास के लिए अधिकारियों और मंत्रियों के चक्कर लगाते रहे, निर्वाचन क्षेत्रों में की अनदेखी नहीं कर सकते, अपने क्षेत्रों में विकास के लिए यह कदम उठाया है। मैं समाजवादी पार्टी का विधायक और गठबंधन सहयोगी होने के नाते अपनी समस्याओं के बारे में बात करता रहा हूं, लेकिन कांग्रेस विधायक भी उसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के एक-एक और एक निर्दलीय विधायक सहित तीन विधायकों ने मंगलवार को बीजेपी जॉइन कर ली। मध्य प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष वी.डी. शर्मा ने सपा विधायक राजेश कुमार शुक्ला, बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह और निर्दलीय विधायक विक्रम सिंह राणा को बीजेपी की सदस्यता दिलाई।
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