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मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के शोर के बीच कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है। पार्टी इन चुनावों में अब स्थानीय चेहरों को ही मौका देगी। दरअसल, हाल ही में भोपाल में बाहरी उम्मीदवार की दावेदारी को लेकर कांग्रेस के दो गुटों के बीच जोरदार मारपीट हुई थी। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बड़ा फैसला लिया। पार्टी ने रविवार को सभी जिलों को सर्कुलर जारी कर कहा है कि जो व्यक्ति जिस वार्ड में निवास करता है या उसी वार्ड का मतदाता है उस चेहरे को ही वहां उम्मीदवार बनाया जाएगा। किसी भी उम्मीदवार का वार्ड परिवर्तित नहीं होगा। हालांकि, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि यह सर्कुलर सिर्फ उन वार्ड पर लागू होगा, जहां पार्टी के पास जिताऊ उम्मीदवार है। यदि आरक्षित सीट होने के कारण कोई बाहरी व्यक्ति चुनाव लड़ने और जीतने में सक्षम होगा तो, पार्टी उसे उम्मीदवार बनाएगी। लेकिन पहली प्राथमिकता उसी वार्ड के मतदाता की होगी। दरअसल, कांग्रेस पार्टी नगरीय निकाय चुनाव में जीत के लिए नए-नए फार्मूले ईजाद कर रही है। पहले पार्टी ने टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ने का शपथ पत्र भरवाया और अब स्थानी चेहरों को निकाय चुनाव में मौका देने का सर्कुलर जारी किया है।
प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस अपना राज्य स्तरीय वचन-पत्र जारी करने की तैयारी में है। कांग्रेस पार्टी ने वचन पत्र तैयार कर लिया है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का वचन पत्र बनकर तैयार हो चुका है, जिसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की हरी झंडी के बाद जनता के सामने रखा जाएगा. वर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी निकाय चुनाव को लेकर तैयार वचन पत्र में इस बात का वचन देगी कि किसी भी तरीके का नया टैक्स जनता पर नहीं डाला जाएगा। वहीं, कांग्रेस की नई पहल पर बीजेपी ने निशाना साधा है। बीजेपी प्रवक्ता नेहा बग्गा ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने पहले भी कार्यकर्ताओं से शपथ पत्र भरवाया था। कांग्रेस को अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं है। पार्टी को तरह-तरह का डर सता रहा है। यही कारण है कि इस तरीके के सर्कुलर जारी कर कार्यकर्ताओं के बीच के अंतर्कलह को दबाने की कोशिश की जा रही है। निकाय चुनाव में उसका यह फार्मूला बेअसर साबित होगा।
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