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एमपी में निकाय चुनावों में मेयर पद के लिए कांग्रेस के संभावित प्रत्याशियों के नाम सामने आ रहे हैं। अब तक जिन छह नगर निगमों के लिए संभावित उम्मीदवारों के नाम सामने आ रहे हैं, उनमें से अधिकतर या तो मौजूदा विधायक हैं या फिर किसी बड़े नेता के रिश्तेदार। ये नाम हाल में उदयपुर चिंतन शिविर में टिकट के लिए तय मापदंडों पर भी खरे नहीं उतरते। मध्य प्रदेश में निकाय चुनावों के ऐलान के साथ नगर निगमों में मेयर पद के लिए दावेदारों की चर्चा शुरू हो गई है। पार्षद पद के लिए उम्मीदवारों के चयन में कांग्रेस फिलहाल बीजेपी से आगे दिख रही है।अभी औपचारिक ऐलान नहीं हुआ, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी ने छह शहरों के लिए मेयर पद के उम्मीदवार तय कर लिए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने नौ जून को बैठक बुलाई है, जिसमें इन नामों पर मुहर लगने की उम्मीद है।
हालांकि, जो नाम अब तक सामने आया हैं, उन्हें देखकर यही लगता है कि कांग्रेस न तो नए चेहरों की तलाश कर पा रही है और न ही बड़े नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट देने का मोह छोड़ पा रही है। छह में से दो नाम ऐसे हैं जो बड़े नेताओं के रिश्तेदार हैं जबकि बाकी तीन पहले से विधायक या पार्टी में पदाधिकारी हैं। हालांकि, इनमें से ऐसा है जो बीजेपी के लिए गुगली साबित हो सकती है। इंदौर में मेयर पद के लिए संजय शुक्ला का नाम एकदम तय है। शुक्ला फिलहाल विधायक हैं। खुद कमलनाथ और दिग्विजय सिंह उनके नाम का ऐलान कर चुके हैं। इसी तरह, उज्जैन से महेश परमार के नाम पर मुहर लगने की उम्मीद है। परमार फिलहाल तराना के विधायक हैं। जबलपुर से जगत बहादुर सिंह का नाम चर्चा में है जो शहर कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। ग्वालियर नगर निगम के लिए शोभा सिकरवार को कांग्रेस मेयर पद के लिए उतार सकती है। शोभा स्थानीय विधायक सतीश सिकरवार की पत्नी हैं। वहीं, सागर से निधि जैन उम्मीदवार हो सकती हैं। जो स्थानीय बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन के छोटे भाई की पत्नी हैं। रीवा से जिस अजय मिश्रा का नाम चर्चा में है, वे पार्षद के साथ नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं।
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