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भोपाल। मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मप्र विधानसभा का एक दिवसीस विशेष सत्र बुलाये जाने हेतु पत्र लिखा है। गोविंद सिंह ने पत्र में हवाला दिया है कि बीते 10 मई को माननीय सर्वाेच्च उच्चतम न्यायालय ने मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के बिना ही निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अन्य पिछडा वर्ग को न्याय मिले, इस हेतु अपनी प्रतिबद्धता विधानसभा में जाहिर की है, इसी आशय को लेकर 23 दिसंबर 2021 को विधानसभा में सरकार की ओर से संकल्प लाया गया था, जिसमें "प्रदेश में बगैर अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के आरक्षण के त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव न कराये जाये यह संकल्प सदन में सर्वसम्मति से पारित किया गया था।’’
नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि संकल्प पारित किये जाने के दौरान मुख्यमंत्री ने सदन में कहा था कि माननीय सर्वाेच्च न्यायालय में अपने पक्ष को पूरी ताकत के साथ रखेंगे, इसके साथ ही ओबीसी को पंचायत चुनाव में आरक्षण मिले उसके लिये हर संभव उपाय करेंगे। उसके बावजूद सरकार की ओर से माननीय सर्वाेच्च न्यायालय में अन्य पिछड़ा वर्ग के संबंध ठोस तथ्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण पिछड़ा वर्ग के पक्ष में माननीय उच्चतम न्यायालय का निर्णय नहीं आया है।
श्री सिंह ने कहा कि जब पक्ष तथा विपक्ष दोनों प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण देने के पक्षधर है, ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि मध्यप्रदेश विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया जाकर इस सत्र में एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया जाये। जिनमें केन्द्र सरकार से अनुरोध किया जाये कि प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने के लिये संविधान में संशोधन किया जाये। गोविंद सिंह ने उपरोक्त स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग के हित में एक दिवसीय विधानसभा का विशेष सत्र आहुत किये जाने का अनुरोध मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से किया है।
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