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राजनीति चमकाने के लिए कोलार के साथ पूरे भोपाल में अवैध गुमठियों के बढ़ते कारोबार के बीच नगर निगम नई हॉकर्स नीति तैयार कर रहा है। इसमें भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों, मुख्य मार्गों, स्कूलों और अस्पतालों के साथ सरकारी दफ्तरों के 100 मीटर के दायरे में गुमठियां और ठेले नहीं लगाने का प्रावधान है। ऐसा करके पार्षदों और उनके समर्थकों के अवैध कब्जे हटाये जायेंगे और हर वार्ड में व्यवस्थित हॉकर कॉर्नर बनाये जायेंगे।
महापौर आलोक शर्मा जो नई नीति बनवा रहे हैं उसमे हर वार्ड में कम से कम एक हॉकर्स काॅर्नर बनेगा। यहां मौजूदा गुमठी और ठेला संचालकों को जगह दी जाएगी। लेकिन इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि बाहरी व्यक्ति यहां गुमठियों का कारोबार न करे। शुक्रवार को विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह और उनके समर्थकों द्वारा निगम के स्टोर पर धावा बोलकर जब्त गुमठियों को उठा ले जाने के बाद हाॅकर्स नीति के ड्राफ्ट को लेकर निगम गंभीर हो गया है।
नगर निगम ने इस साल के बजट में हर वार्ड में हाॅकर्स काॅर्नर के लिए 15 लाख रुपए का प्रावधान किया है। खास तौर से खोमचे वालों के प्रशिक्षण के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट से अनुबंध किया गया है। निगम सबसे पहले एमपी नगर में आदर्श हाॅकर्स काॅर्नर बनाने जा रहा है। इसमें हाॅकर्स और ग्राहकों के लिए सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
पिंपरी चिंचवड़ की तर्ज पर देंगे लायसेंस
पुणे के पास स्थित पिंपरी चिंचवड़ नगरपालिका ने 2012 में अपनी नीति तैयार की थी। इसके तहत क्षेत्र में हाॅकर्स के मूल निवासी प्रमाण पत्र तैयार कर उन्हें निश्चित शुल्क जमा करके लाइसेंस दिए गए। पूरे क्षेत्र में 10 हजार हाॅकर्स थे। पिछले साल महापौर आलोक शर्मा ने यहां का दौरा कर कचरे से बिजली बनाने के प्लांट के साथ हाॅकर्स काॅर्नर का निरीक्षण किया था।
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