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भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने गृहमंत्री अमित शाह के भोपाल प्रवास के दौरान आदिवासी विकास को लेकर उनसे सवाल पूछे हैं। उन्होंने एक बयान में अमित शाह से पूछा कि क्या आप जानते हैं कि नीति आयोग रिपोर्ट में मध्यप्रदेश की ढाई करोड़ की आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन पर मजबूर है। इसमें सबसे अधिक आदिवासी ही हैं। अमित शाह जी ऐसे सवालों पर चुप्पी क्यों साध लेते हैं?
जीतू पटवारी ने गृह मंत्री से पूछा कि सिर्फ रैलियों से नहीं होगा आदिवासी भाइयों का उद्धार क्या आप जानते हैं? केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में 2067 उपस्वास्थ्य केंद्र, 467 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 101 सामुदायिक केंद्रों की कमी है। फोटो बनाने के लिए मंत्री से पूछा कि क्या आप जानते हैं कि जबलपुर में शंकर शाह व रघुनाथ शाह का बलिदान दिवस, भोपाल में बिरसा मुंडा की जयंती और टंट्या मामा बलिदान दिवस में भाजपा ने केवल आदिवासी गौरव का बखान किया। लेकिन, उनके लिए या कुछ भी नहीं।
पूर्व मंत्री ने पूछा कि एनसीआरबी की रिपोर्ट भाजपा के 17 वर्षों के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड है। आदिवासियों, दलितों, महिलाओं और वंचितों पर अत्याचार बढ़े हैं। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। कानून का डर खत्म हो गया है। एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक 2020 में मध्यप्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ हुए अत्याचार के कुल 2401 मामले दर्ज किए गए। जो कि 2019 के आंकड़ों की तुलना में 25 फीसदी ज्यादा रहे। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक देश में आदिवासियों पर सबसे अधिक अत्याचार मध्यप्रदेश में होता है। जबकि आदिवासियों को सुविधा देने के मामले में भी मध्यप्रदेश सबसे फिसड्डी राज्य है।
जीतू पटवारी ने कहा कि आदिवासी कल्याण के सारे काम कांग्रेस की सरकार में हुए हैं। कमलनाथ सरकार में आदिवासियों को विशेष सुविधाएं दी गई और योजनाएं शुरू की थी। शिवराज सिंह चौहान सरकार ने उन योजनाओं को बंद करने का ही काम किया है। भाजपा आदिवासी विकास के नाम पर से छलावा कर सकती है कोई कल्याण नहीं कर सकती।
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