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भोपाल। प्रदेश के कई राजनीतिक दलों की गुरुवार को सीपीआई (एम) कार्यालय भोपाल में एक संयुक्त बैठक हुई, जिसमें उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर राज्य की शांति और भाईचारे पर ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया।
वामपंथी राजनीतिक दलों ने कहा कि प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान पर अमन शांति पैदा करने की बजाय संविधान विरोधी काम कर रही है। वह न केवल साम्प्रदायिक तत्वों को संरक्षण दे रही है, बल्कि आगे बढ़कर हिंदुत्ववादी एजेंडे को लागू कर रही है, जिसका हिन्दू धर्म से कोई संबंध नहीं है। रामनवमी के अवसर पर खरगोन और सेंधवा में इसी इरादे से साम्प्रदायिक दंगा करवाया गया। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान असंविधानिक, आपराधिक, उकसावे वाले तथा साम्प्रदायिक विभाजन को बढ़ाने और साम्प्रदायिक तत्वों को शह देने वाले होते हैं।
बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में इन दलों ने कहा कि पत्थर फेंकने वालों के घरों को पत्थरों का ढेर बना देने के गृहमंत्री के बयान के बाद तो सिर्फ अल्पसंख्यकों के मकानो और दुकानों को निशाना बनाया गया। यहां तक कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकान भी तोड़ दिए गए। जिसके दोनो हाथ कटे हुए हैं, उसकी गुमटी भी पत्थर तोडऩे के आरोप में तोड़ दी गई। जो किसी व्यक्तिगत झगड़े के कारण जेल में है, उसे भी आरोपी बनाकर उसका मकान भी तोड़ दिया गया।
उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार की यह हरकत फासीवादी प्रवृत्ति का परिचायक है, जहां दोषी होने का निर्णय अदालत नहीं बल्कि सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के कहने पर पुलिस कर रही है। भाजपा और संघ परिवार की यह मुहिम किसी भी समुदाय के हित में नहीं है। दंगाग्रस्त क्षेत्रों में महावीर जयंती, गुड फ्राइडे, बैसाखी, अंबेडकर जयंती, हनुमान जयंती जैसे सभी समुदायों के त्योहार प्रभावित हुए हैं।
वामदलों का कहना था कि भाजपा यह सब अपनी सरकार की असफलताओं को छिपाने और धार्मिक उन्माद पैदा कर सत्ता को बचाने के लिए ही कर रही है। जब प्रदेश में दलित उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। दलित दूल्हों को घोड़े पर नहीं बैठने दिया जा रहा है। उनके मंदिर प्रवेश पर रोक लगाई जा रही है। तब भाजपा एक शब्द भी नहीं बोलती।
बैठक में शामिल दलों ने प्रदेश के साम्प्रदायिक सद्भाव की रक्षा के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों और व्यक्तियों को एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने मुख्यमंत्री, गृह मंत्री तथा अन्य मंत्रियों के आपत्तिजनक बयानों की निंदा करते हुए भविष्य में इस प्रकार के बयानो पर रोक लगाने की मांग की है। बैठक ने बुलडोजर संस्कृति पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हुए खरगोन सहित प्रदेश भर में घटी इस तरह की घटाने के परीक्षण के लिए एक सर्वदलीय समिति के गठन की मांग की है और इस दंगे में जिनका भी नुकसान हुआ है या मकान गिराए गए हैं, उन्हें पूरा मुआवजा दिए जाने की मांग दोहराई है।
बैठक में जसविंदर सिंह (सीपीएम), शैलेन्द्र कुमार शैली (सीपीआई,), स्वरूप नायक (राजद), राजू भटनागर (एनसीपी), यश भारतीय (समाजवादी पार्टी), प्रदीप कुशवाहा (राष्ट्रीय समानता दल ) अजय श्रीवास्तव (लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी) तथा देवेंद्र सिंह चौहान सीपीआई (एमएल) लिबरेशन की ओर से उपस्थित थे। इनके अलावा बादल सरोज, प्रमोद प्रधान, पी वी रामचंद्रन, एस एस मौर्या, प्रहलाद दास बैरागी, सत्यम पाण्डेय, दिनेश सेन, कुलदीप गुर्जर, मोहन सिंह नागर भी बैठक में शामिल हुए।
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