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भोपाल। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि संस्कृति की सबसे प्रभावी और शक्तिशाली वाहिका भाषा है। भाषा मनुष्य की श्रेष्ठतम संपदा है। भाषा के बिना किसी समाज/समूह की संस्कृति की कल्पना नहीं की जा सकती है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने उक्त विचार 'अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस' पर मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी एवं अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय द्वारा ''संस्कृति, संस्कार और सभ्यता का संवर्धन-भारतीय भाषाएँ'' विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने भाषा के दम पर भारत में राज कर कई राजाओं के मध्य मनमुटाव और युद्ध तक करवा दिये थे, लेकिन वे स्वयं आपस में कभी नहीं लड़े। उन्होंने कहा कि अब नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी मातृभाषा में पाठ्यक्रमों को तैयार करने का प्रावधान किया गया है। मध्यप्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में अव्वल है। हमने पांरपरिक तौर से अंग्रेजी भाषा के इंजीनियरिंग और मेडिकल पाठ्यक्रमों को हिन्दी में तैयार करने की चुनौती को स्वीकारा है और विषय-विशेषज्ञों के नेतृत्व में यह कार्य प्रगति पर है।
संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कहा कि भारत की भाषा सबसे श्रेष्ठ है। हिन्दी श्रेष्ठतम भाषाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि माँ और मातृभूमि का विकल्प नहीं हो सकता। संसार में लगभग 6 हजार भाषाओं के होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के अंत तक इनमें से केवल 200 भाषाएँ ही जीवित बचेंगी। इसमें भारत की कई भाषाएँ सम्मिलित हैं। एक भाषा खत्म होने से उस भाषा को बोलने वाले समुदाय, परंपराएँ, संस्कृति और अभिव्यक्ति समाप्त होती है। भाषा का महत्व क्या है, इसका चिंतन समाज को भी करना है। जीवन में छोटी-छोटी बातों को अपनाकर परिवर्तन लाया जा सकता है। अपने जीवन में क्या बदलाव ला सकते हैं, इस पर गहन विचार होना चाहिए।
अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. खेम सिंह डहेरिया ने कहा कि हिन्दी विश्वविद्यालय में एमबीबीएस के पाठ्यक्रम को हिन्दी में तैयार करने की जिम्मेदारी है। इस चुनौती को हमने स्वीकार किया है और लगभग एक वर्ष में मौलिक पाठ्यक्रम तैयार हो जायेगा। डहेरिया ने बताया कि यूनेस्को का भाषा एटलस 6 हजार में से 2500 भाषाओं को संकटग्रस्त बताता है।
इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी की "रचना" पत्रिका के नवीनतम अंक का विमोचन भी किया। मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी के संचालक अशोक कडेल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
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