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भोपाल। विद्यार्थियों को बेहतर तकनीक आधारित शिक्षा देने की व्यवस्था करें। उच्च स्तरीय लाइब्रेरी और प्रयोगशाला की सुविधाएं दे। स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रदेश में समग्र शिक्षा की वर्ष 2021-22 की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
मंत्री परमार ने कहा कि विद्यालयों में स्वच्छता और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें। छात्रावासों में बेहतर सुविधाएं प्रदान करें। ड्रॉपआउट बच्चों को योजनाबद्ध तरीके से शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ें। राज्य मंत्री परमार ने स्कूल शिक्षा विभाग, लोक शिक्षण संचालनालय और राज्य शिक्षा केंद्र की वित्तीय समीक्षा करते हुए संचालित योजनाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष के बजट की कार्य योजना में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को केंद्र में रखें। बजट की राशि का छात्रों के हित में सदुपयोग करें। शाला प्राचार्यो और संस्था प्रमुखों को बजट की राशि उपयोग करने संबंधी सरल दिशा निर्देश जारी करें और उन्हें प्रशिक्षण दें। वर्ष भर में कम से कम 2 बार अभियान चलाकर विद्यालयों को चैक करें और विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं का परीक्षण करें।
राज्य मंत्री परमार ने शालाओं का उन्नयन, आवासीय छात्रावास निर्माण कार्य, परिवहन सुविधा, नि:शुल्क गणवेश, नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें, आरटीई फीस प्रतिपूर्ति, समुदाय प्रशिक्षण, लर्निंग एनहांसमेंट प्रोग्राम, राष्ट्रीय आविष्कार अभियान, नवाचार गतिविधियों, शिक्षकों का प्रशिक्षण, जनपद और जन शिक्षा केंद्र संचालन, ओपन स्कूल, बालिका शिक्षा, दिव्यांग बच्चों की शिक्षा, खेल एवं शारीरिक शिक्षा और शिक्षक शिक्षा, राज्य पुस्तकालय, अनुदान, छात्रवृत्ति, सीएम राइज योजना आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की और निर्देश दिए। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरुण शमी, संचालक राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस, संचालक लोक शिक्षण के.के. द्विवेदी, उप सचिव प्रमोद सिंह उपस्थित थे।
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