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अशोकनगर। व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिये चर्चित मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री जब अशोकनगर जिले के प्रभारी मंत्री बनकर पहली बार यहां आए तो शुरू से ही सरकारी तंत्र पर नकेल कसने की अपनी मंशा जाहिर कर गए। ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर एक दिन की यात्रा पर अशोकनगर आए थे। सबसे पहले उन्होंने यहां टेढ़े खंभे और टूटी लाइनें देखीं तो विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाई। इसके बाद देर रात जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान अव्यवस्थाएं देखकर उन्हें सुधरवाने के लिए गांधीगिरी करते नजर आए। दरअसल, प्रभारी मंत्री तोमर सोमवार को जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखने के लिए पहुंचे थे। जिला चिकित्सालय में मंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर ने कोविड वार्ड के आइसीयू में दवाओं को रखने वाले फ्रिज को खोला, तो वह बंद मिला। यह देखते ही मंत्री का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने धमकी भरे अंदाज में सिविल सर्जन डॉ. हर्षवर्धन जैन से कहा कि इसके लिए मैं 21 बार जेल गया हूं। उन्होंने फिर दोबारा हाथ की अंगुलियों को चलाते हुए कहा कि 21 बार। मैं आपको द्वितीय बार प्रणाम कर रहा हूं। लापरवाही बर्दाश्त नहीं करूंगा। मैटरनिटी वार्ड के बाहर से ऊर्जा मंत्री निकल रहे थे, तभी वाटर कूलर पर नजर पड़ी, वह भी बंद मिला। इस बात पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सिविल सर्जन आपकी सीआर खराब हो जाएगी। तीन दिन के भीतर इस वाटर कूलर को सुधरवाओ। उनके साथ पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्रसिंह सिसोदिया, कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए. और पुलिस अधीक्षक राजीवकुमार मिश्रा भी रहे। निरीक्षण के दौरान बहानेबाजी कर रहे चिकित्सा अधिकारियों को मंत्री ने कहा कि व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए वे लगातार काम करते रहे हैं और एक-एक चीज के बारे में अच्छे से जानते हैं। इसी कारण उनको 21 बार जेल भी जाना पड़ा है। मंत्री के लहजा बदल कर इस तरह बात करने के बाद सिविल सर्जन और अन्य जिम्मेदारों को शर्मिंदा होना पड़ा।
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