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रामेश्वर ,माली और यति अब जाग जाओ
अपनी पीठ थपथपाने वालों नदी और लोगों को बचाओ
शैफाली गुप्ता
कोलार इलाके के बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा और पार्षद भूपेंद्र माली , रविन्द्र यति हमेशा बिल्डर लॉबी और ठेकेदारों के साथ खड़े नजार आते हैं जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। इस बार भी थोड़ी से बारिश हुई नहीं कि कोलार के वार्ड 81 और 82 के लोगों का जीना मुहाल हो गया। इस इलाके की कई बस्तियों में पानी भर गया और जगह जगह सड़कें तालाब में दब्दील हो गई हैं। सारी रात आम लोग परेशान होते रहे और विधायक और पार्षद चादर तान के सोते रहे। इनके चेलों ने जब इन्हें अति होने की इत्तला दी तब इन नेताओं ने इलाके में कदम रखा। कलियासोत के किनारे की बस्तियों में चाहे झुग्गियां हों ,मकान हों या फिर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग सब खतरे में हैं। इस इलाके के अधिकारियों ने समय रहते कोई कदम नहीं उठाया तो यहाँ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
शनिवार देर रात से राजधानी सहित प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश हो रही है। रविवार को भी भोपाल में झमाझम बारिश का सिलसिला सुबह से चालू हुआ, जो दोपहर तक जारी रहा। लगातार बारिश के कारण आज फिर भदभदा के 4 और कलियासोत डेम के 5 गेट खोलने पड़े।शनिवार को भी कलियासोत डेम के गेट खुलने के साथ कलियासोत नदी के किनारों की बस्तियों में अफरातफरी मच गई लेकिन शनिवार को किसी नेता को हालात का जायजा लेने की फुरसत नहीं मिली।
रात को दामखेड़ा के हैरान परेशान लोग विधायक और पार्षद को खोजते रहे लेकिन कोई नहीं मिला ,इलाके के पार्षद और विधायक को हमने फोन लगाया तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। जब पानी से अति होने लगी तब नेताओं की नींद खुली। कोलार की झुग्गियों में रहने वाले रामेश्वर शर्मा ,भूपेंद्र माली और रविन्द्र यति को कोसते नजर आये कि वोट के चक्कर में ये नेता हमारा सत्यानाश किये जा रहे हैं।
सच्चाई भी यही है कि इन नेताओं, ठेकेदारों और बिल्डरों का एक कॉकस कोलार इलाके को बर्बाद करने में लगा है। इनके झुग्गी माफिया पहले झुग्गियां बनवाते हैं फिर फिर झुग्गियां हटवाते हैं और इस बीच जो गरीब गुरबे यहाँ आ कर बस्ते हैं वे कहीं के नहीं रह जाते और नारकीय जीवन जीने को मजबूर हो जाते हैं। कोलार इलाके में सन 2006 में आई बाढ़ से इन लोगों ने कोई सबक नहीं लिया है। एनजीटी कई बार कोलार नदी को लेकर दिशानिर्देश दे चुका है लेकिन इन नेताओं और अधिकारियों ने कभी इस मसले को गंभीरता से नहीं लिया। ऐसा लगता है किसी बड़ी दुर्घटना के बाद नदी को बचाने के साथ लोगों को इनके किनारों से हटाने का काम शुरू होगा। उससे पहले नेता और अधिकारी भ्रस्ट बिल्डरों से पैसा खा कर उनके हर नाजायज काम को जायज बताते रहेंगे।
आज भी विधायक रामेश्वर शर्मा पूजा पाठ करने के बाद जनता पर अहसान जताने के लिए कोलार में प्रकट हुए कि मैं आपकी तकलीफ में साथ हूँ और आपके भले के काम में लगा हूँ और आपको भरपूर मुआवजा दिलवाऊंगा। भूपेंद्र माली कुछ बस्तियों में ट्यूब लेकर इसलिए घूमे कि उनकी फोटो कैमरे में कैद हो जाये और वो बारिश पीड़ितों के सबसे बड़े मसीहा के रूप में नजर आ जाये। फोटो खिंचवाते वक्त भूपेंद्र माली के चेहरे की हंसी कह रही थी कि ऐसा रोज हो तो काम से काम मीडिया में बने रहें। रविन्द्र यति का हाल भी किसी से छिपा नहीं है बिल्डर लॉबी का यह नेता सिर्फ विधायक रामेश्वर शर्मा का दुमछल्ला बना घूमता रहता है। एक समय यति ऐसे ही तत्कालीन विधायक ध्रुव नारायण सिंह और मन्नू डागा के पीछे फोटो खिंचवाने के लिए खड़ा रहा करते थे। ध्रुव नारायण और मन्नू डागा का बुरा वक्त आया तो इसने रामेश्वर का दामन थाम लिया। रामेश्वर जायेंगे तब तक यह फिर अपना नया आक ठूँढ लेंगे। कलियासोत के किनारों के आसपास राजनीति करने वालों के कारनामों को देख कर लगता है कि कोलार के लोग इनके दोहन के लिए हैं।
कोलार में बारिश की विपदा के बाद कुछ पीड़ितों के लिए मुट्ठी भर मदद के बाद खुद की पीठ थपथपाने वाले ये नेता फेसबुक और वॉट्सऐप पर ऐसे सक्रीय हो गए कि अगर ये न होते तो कोलार में त्राहिमाम हो जाता। पता नहीं पुरानी दुर्घटनाओं से ये नेता और प्रशासन सबक लेके कोलार के वाशिंदों को एक अच्छा जीवन दे पाएंगे या पानी का प्रकोप भी एक सालाना कार्यक्रम जैसा हो जाएगा।
Patrakar Shafali Gupta
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