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नहीं मिलेगा अतिरिक्त राजस्व अमला
राजधानी भोपाल की हुजूर तहसील और बिना किसी वैधानिक प्रावधान के चलाए जा रहे पांच नजूल वृत्तों को तोड़कर जल्द ही 7 नई तहसीलों का गठन होगा। राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने इस संबंध में कलेक्टर के साथ बैठककर इसके संकेत दिए हैं। लेकिन नई तहसीलों को कोई अतिरिक्त राजस्व अमला नहीं मिलेगा। राज्य शासन ने जिला प्रशासन को 7 नई तहसीलों के गठन के प्रस्ताव की कमियों दूर कर तीन दिन के अंदर विस्तृत जानकारी फिर से भेजने के निर्देश दिए हैं। राजस्व मंत्री ने सभी नई तहसीलों के लिए प्रस्तावित रकबे, राजस्व गांव, मजरे, टोले के बंटवारे की जानकारी मांगी है।
कलेक्टर निशांत वरवड़े ने बैठक में सात नई तहसील बनाने के प्रस्ताव के बारे में बताया। इनमें शहर भोपाल तहसील ही ऐसी है, जिसके क्षेत्राधिकार में 5 विधानसभा क्षेत्र आ रहे हैं। इसके अतिरिक्त अन्य सभी तहसीलों में 2 से 3 विधानसभा क्षेत्र आ रहे हैं। हालांकि पूर्व में जो पांच नजूल व तहसील हुजूर वृत्त बने थे, उसमें से कुछ ही वृत्त ऐसे थे, जिनमें दो से तीन विधानसभा क्षेत्र शामिल हो रहे हैं। हुजूर तहसील का क्षेत्रफल ही सबसे बड़ा था। इसके गांव लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों से जुड़ते थे।
भोपाल जिले में वर्तमान में दो तहसीलें हुजूर व बैरसिया हैं, वहीं पांच नजूल वृत्त हैं, ये सभी हुजूर तहसील के अंतर्गत संचालित होते हैं। प्रशासनिक नियमों के विपरीत पांचों नजूल वृत्त अवैध रूप से चल रहे हैं, जिनके पास शहरी सीमा के 68 राजस्व ग्रामों की जिम्मेदारियां भी हैं। पांचों वृत्तों को वैध करने तथा हुजूर के कोलार क्षेत्र को अलग से तहसील बनाने के लिए तीन वर्ष पूर्व कलेक्टर निशांत वरवड़े ने प्रमुख सचिव राजस्व को प्रस्ताव भेजा था। इसमें हुजूर तहसील व पांच अवैध नजूल वृत्तों को तोड़कर सात तहसीलों में तब्दील करने का प्रस्ताव था।
इस प्रस्ताव में दो बार क्षेत्रफल को लेकर बदलाव भी किए गए। पीएस राजस्व ने 7 तहसीलों के गठन के लिए एक सितंबर 2014 को नोटिफिकेशन जारी कर दावे आपत्तियां बुलाईं थी। दो माह की समयसीमा में करीब दो दर्जन आपत्तियां आई। इनका निराकरण करते हुए पीएस राजस्व ने दो आंशिक संशोधन किए। इसके बाद हुजूर तहसील का मुख्यालय ईंटखेड़ी सड़क से हटाकर अरवलिया कर दिया। वहीं बैरागढ़ का नाम बदलकर संत हिरदाराम नगर कर दिया गया। इसके बाद प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया, जहां से दो बार आपत्तियां आईं। मंत्री व पीएस राजस्व ने आपत्तियों का निराकरण कर दोबारा वित्त को भेजा गया, तब जाकर प्रस्ताव को मंजूरी मिली। हालांकि वित्त विभाग ने जो मंजूरी दी है, वह बिना पदों के सृजन के ही सात नई तहसीलें बनाए जाने को कहा था, तभी से इस मामले में पेंच फंसा हुआ है।
राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता भोपाल में नई तहसीलों के गठन को लेकर बुधवार को बैठक की है। नई तहसीलों के प्रस्ताव के संबंध में कलेक्टर से विस्तृत जानकारी ली गई है। कुछ कमियों को दूर करने के लिए राजस्व गांव और जमीन के रिकार्ड मांगे गए हैं।
कलेक्टर निशांत वरवड़े ने बताया राज्य शासन ने पूछा है कि 7 तहसीलों में कितने खसरे, मजरे, टोले और गांव बांटे जांएंगे। इसका रिकार्ड तैयार किया जा रहा है। 3 दिन के अंदर यह जानकारी सरकार को भेजी जाना है।
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