कोलार की कमान निकम्मे और स्वार्थी नेताओं के पास है। इसी वजह से कोलार का न तो समुचित विकास हो पा रहा है और न कोलार एक विकसित शहर की शक्ल ले पा रहा है। इस इलाके के स्वच्छ्ता अभियान तक में विधायक , महापौर और पार्षदों तक किसी की रूचि नहीं है।
शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान के अंतर्गत विशेष सफाई पॉलिथिन हटाने संबंधी काम चल रहे हैं। पिछले दिनों भेल क्षेत्र के अयोध्या नगर एवं बैरागढ़ में यह अभियान चला, जिसमें तमाम नेता शामिल हुए। बैरागढ़ में महापौर आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा सहित सभी पार्षद पहुंचे थे। लेकिन यही कार्यक्रम कोलार में हुआ तो कमिश्नर छबि भरद्वाज एवं अन्य अधिकारी पहुंचे। इस दौरान खासी संख्या में पन्नियां एकत्रित की गर्इं। लेकिन, कोलार क्षेत्र से विधायक और महापौर ने दूरी बनाई,जिससे कार्यकर्ताओं में मायूसी देखी गई। दरअसल कोलार क्षेत्र में नगर निगम का ड्राय पॉलिथीन अभियान चलाया गया था। इस अभियान में दोनों प्रमुख नेताओं को शामिल होना था। लेकिन दोनों नेताओं की गैरमौजूदगी से कार्यकर्ता भी बिना सफाई अभियान में सहभागिता निभाए वापस चले गए। दूसरी ओर पार्षदों ने भी कार्यक्रम शामिल होने से परहेज रखा।
कोलार में पार्षदों का लगता है अपना कोई वजूद नहीं है। यह वहीं जाते हैं, जहां विधायक रामेश्वर शर्मा हों। यही कारण है कि जब विधायक यहां नहीं पहुंचे तो पार्षद भी नहीं गए। कुछ पार्षद गए तो चेहरा दिखाकर वापस आ गए। उधर, इस संबंध में कांग्रेस ने कहा कि कोलार को लेकर महापौर और विधायक में पटरी नहीं बैठ रही है, इसलिए जनता परेशान है।
कुछ पार्षद इस सफाई अभियान में पहुंचे थे, लेकिन एक फोन आने के बाद तुरंत लौट गए। अब यह फोन किसका था, यह चर्चा का विषय है। पार्षद से जुड़े सूत्रों के अनुसार यह फोन ‘भाई साहब’ का था।