इंदौर पहुंची काशी महाकाल एक्सप्रेस का हुआ जोरदार स्वागत विरोध के बीच हुई वापसी
इंदौर। आईआरसीटीसी द्वारा वाराणसी-इंदौर के बीच शुरू की गई निजी ट्रेन काशी-महाकाल एक्सप्रेस गुरुवार को वाराणसी स्टेशन से नियमित सफर के लिए रवाना हुई थी। शुक्रवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर यह ट्रेन इंदौर पहुंची। इस दौरान इंदौर रेलवे स्टेशन कर्मचारियों ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच इस ट्रेन का जोरदार स्वागत किया, लेकिन इसी बीच रेल कर्मियों ने रेलवे के निजीकरण के विरोध में यहां प्रदर्शन भी किया। इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने वापसी के दौरान ट्रेन को ही झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान रेलवे के कर्मचारी एकत्रित हो गए और उन्होंने रेलवे के निजीकरण का विरोध करते हुए जोरदार नारेबाजी की।
काशी-महाकाल एक्सप्रेस वाराणसी के चलकर शुक्रवार को सुबह अपने निर्धारित समय पर इंदौर स्टेशन पहुंची। इस दौरान ढोल-नगाड़ों के साथ इस विशेष ट्रेन का स्वागत किया गया। इस दौरान रेलवे स्टेशन पर भारी सुरक्षा की व्यवस्था की गई थी। दरअसल, रेल कर्मी निजीकरण का विरोध कर रहे हैं, इसी को देखते हुए इंदौर स्टेशन पर 70-80 जीआरपी के जवान तैनात किये गए थे। जीआरपी के एडिशनल एसपी राकेश खरखा भी स्टेशन पर मौजूद थे। जब ट्रेन स्टेशन पहुंची तो पहले तो रेल कर्मियों ने ट्रेन का स्वागत किया और फिर जब ट्रेन वापस काशी के लिए रवाना होने लगी तो कई रेलवे कर्मचारी इसका विरोध करने लगे।
इंदौर सांसद शकर लालवानी ने रेल इंजिन की पूजा कर नारियल फोड़ा और काशी-महाकाल एक्सप्रेस को इंदौर स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर वाराणसी के लिए रवाना किया। इसी दौरान रेल कर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और रेलवे के निजीकरण का आरोप लगाया। पश्चिम रेलवे कर्मचारी संघ के मंडल अध्यक्ष एसएस शर्मा ने कहा कि हम रेलवे के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। केंद्र सरकार रेलवे को पूंजीवादियों को हाथों में सौंप रही है। उन्होंने कहा कि हम भगवान का विरोध नहीं कर रहे हैं, केवल निजी ट्रेनों और रेलवे के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं।