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मप्र में अतिथि विद्वान संजय कुमार ने फांसी लगाई भाजपा ने घेरा सरकार को
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भोपाल । मध्‍यप्रदेश के उमरिया जिले में अतिथि‍ विद्वान संजय कुमार के अपने अनिश्चित भविष्य और आर्थिक तंगी के चलते फांसी लगाकर देर रात आत्महत्या करली। घटना  चंदिया तहसील की है। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को घेरा है। नेता प्रतपक्ष गोपाल भार्गव ने मंगलवार सुबह सबसे पहले ट्वीटर के जरिए अतिथि विद्वानों के नियमितिकरण को लेकर निशाने पर लिया है और कमलनाथ सरकार पर कांग्रेस का वचन पत्र पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है। 
 
दरअसल, मध्‍यप्रदेश में लम्‍बे समय से अथिति विद्वान अपने लिए नियमितिकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, इसी बीच उनके कई साथी इस तरह का अपने शरीर को क्षति पहुंचाने वाले कदम भी उठा चुके हैं। बढ़ती उम्र के कारण पीएससी की परीक्षा से बाहर हो चुके कई अतिथि‍ विद्वानों को आर्थ‍िक तंगी और निकट भविष्‍य में संकट का डर हमेशा सताता  है, यही कारण है कि वे सरकार से अपने को नियमित करने की मांग कर रहे हैं। 
 
वहीं, विधानसभा चुनावों के पहले जारी कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र जिसे उसने वचन पत्र भी कहा था में जिक्र किया था कि यदि कांग्रेस सत्‍ता में आती है तो इन सभी अतिथि‍ विद्वानों को नियमित किया जाएगा लेकिन अब प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को बने एक वर्ष से अधिक समय हो चुका है, इस बीच पीएससी के माध्‍यम से उच्‍चशिक्षा में सहायक प्रद्यापकों की स्‍थाई भर्ती भी हुई है, लेकिन इन अतिथि विद्वानों की समस्‍या का कोई निराकरण अब तक नहीं किया जा सका है। यही कारण है कि एक ओर अतिथि‍ विद्वानों का धरना-प्रदर्शन चल रहा है तो दूसरी ओर इस तरह की उनसे जुड़ी दुखद सूचनाएं भी प्राप्‍त हो रही हैं। 
 
मंगलवार सुबह नेताप्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि उमरिया जिले के चंदिया शासकीय महाविद्यालय में क्रीड़ा अधिकारी के पद पर कार्यरत अतिथि विद्वान संजय कुमार जी के निधन का समाचार मिला। उनके निधन शोक व्यक्त करता हूँ। ईश्वर दिवंगत के परिजनों को दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति..
 
उन्‍होंने आगे लिखा कि उमरिया चंदिया के संजय कुमार अतिथि विद्वान आंदोलन में सक्रिय थे। उनके साथियों से जानकारी मिली कि संजय कुमार अपने अनिश्चित भविष्य और आर्थिक तंगी का जिक्र अक्सर किया करते थे, वें काफी तनावग्रस्त थे। आज संजय ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनकी आत्महत्या हमे सोचने को मजबूर करती है।
 
संजय जैसी परिस्थितियों से आज हजारों अतिथि विद्वान गुजर रहे है। गोपाल भार्गव ने कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाते हुए प्रश्‍न उठाया है कि क्‍या 1 साल में आपकी यही उपलब्धि है। अतिथि विद्वान अवसाद और चिंता में आत्महत्या कर रहे है। मुख्यमंत्री जी आप कितनी ओर मौत होने का इंतज़ार कर रहे है। क्या मध्‍यप्रदेश की कांग्रेस सरकार के लिए इनकी जान की कोई कीमत नही? उधर, फिलहाल कांग्रेस की ओर से अभी इस पर किसी की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। 
 
Kolar News 11 February 2020

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