भोपाल। प्रदेश के डीजीपी वी.के.सिंह को हटाए जाने की चर्चाओं के साथ ही इस मामले को लेकर प्रदेश में राजनीति शुरू हो गई है। शनिवार को विपक्षी भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं सासंद विष्णुदत्त शर्मा ने इसे लेकर प्रदेश सरकार की खिंचाई की थी। वहीं, रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश सरकार से कहा है कि वह इस मामले को अपने अहम का प्रश्न न बनाए।
प्रदेश के मीडिया में गत दो दिनों से लगातार ऐसी खबरें चल रही हैं, जिनमें पुलिस महानिदेशक वी.के.सिंह को हटाकर उनकी जगह हनी ट्रैप मामले की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख राजेंद्र कुमार को नया डीजीपी बनाने की बात कही जा रही है। इसके साथ ही सरकार की इस कवायद का विरोध शुरू हो गया है। विरोध करने वाले नेताओं में विपक्षी भाजपा के नेता तो शामिल हैं ही, कांग्रेस सरकार के ही वरिष्ठ मंत्री डॉ. गोविंदसिंह ने भी वी.के.सिंह की कार्यप्रणाली को सही बताया है। वहीं, रविवार को इसी मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी प्रदेश सरकार को घेरा है। पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि वरिष्ठ मंत्री डॉ. गोविंदसिंह ने वी.के.सिंह की कार्यशैली का समर्थन किया है, जिसका हम स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा है कि कमलनाथ सरकार तथा कांग्रेस के नेताओं को डॉ. गोविंदसिंह से सीख लेना चाहिए।
राजगढ़ की घटना का भी जिक्र
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता द्वारा सीएए का समर्थन कर रहे लोगों तथा पुलिस और प्रशासन के कर्मचारियेां को भी थप्पड़ मारे जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा है कि सरकार एक कर्त्तव्यपरायण डीजीपी को हटाना चाहती है, जबकि लोकतंत्र का अपमान करने वाली कलेक्टर को बनाए रखना चाहती है। उन्होंने कहा है कि सरकार को इस मामले को अहम से न जोड़ते हुए सत्य व न्याय का पक्ष लेना चाहिए। गौरतलब है कि राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा किए जाने को भी डीजीपी वी.के.सिंह को हटाने की एक वजह माना जा रहा है।