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भोपाल। वीर सावरकर की फोटो वाली कॉपियां स्कूल के बच्चों को दिये जाने के मामले में निलंबित किए गए प्राचार्य केरावत को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया है और उन्होंने स्कूली छात्रों द्वारा किए गए स्वागत के साथ एक बार फिर कार्यभार संभाल लिया है। इस मामले को नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने उन सरकारी अधिकारियों के लिये सबक बताया है, जो कांग्रेस नेताओं और सरकार की जी हुजूरी में लगे हुए हैं।
रतलाम जिले के मनवासा में स्थित सरकारी हाईस्कूल के प्राचार्य आरएन केरावत को स्कूल के बच्चों को वीर सावरकर की तस्वीरों वाली कॉपियां बांटने के मामले में निलंबित कर दिया गया था, लेकिन हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद उन्होंने दोबारा ज्वाइन कर लिया है। इस प्रकरण को एक सबक बताते हुए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि रतलाम प्रवास के दौरान जब कार्यकर्ताओं ने इस मामले की जानकारी दी, तो मैंने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह दी थी। बुधवार को उन्हें हाईकोर्ट से स्टे मिल गया है। भार्गव ने आगे लिखा है कि हम पूरी मुखरता के साथ पीड़ितों के साथ हें और न्यायालय में भी हमारी जीत होगी। उन्होंने कहा है कि न्यायालय से प्राचार्य केरावत को मिला स्टे जी-हुजूरी करके गलत निर्णय लेने वाले अधिकारियों के लिये सबक है।
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