भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के शाहजहांनी पार्क में गत 35 दिन से धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों के पंडाल में बीती देर रात अज्ञात बदमाशों ने करोसिन छिडक़र आग लगा दी। बताया जा रहा है कि सौ से अधिक अतिथि विद्वान पंडाल के अंदर सो रहे थे। उन्होंने आग लगते देख तत्काल फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी। दमकल की गाडिय़ों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। इधर, घटना को लेकर भाजपा ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा है, जबकि अतिथि विद्वानों ने इस आगजनी को उन्हें मारने की साजिश बताया है।
गौरतलब है कि प्रदेश के अतिथि विद्वान अपने नियमितिकरण की मांग को लेकर बीते 35 दिन से भोपाल में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। शाहजहानीपार्क में उनके पंडाल में रविवार की रात करीब दो बजे अज्ञात व्यक्तियों द्वारा कैरोसिन छिडक़कर आग दी, जिससे आग तेजी से फैली और पंडाल का एक हिस्सा पूरी तरह जलकर खाक हो गया। पंडाल के अंदर सो रहे अतिथि विद्वानों ने आग जलते देख पुलिस और फायर बिग्रेड को सूचना देकर खुद ही आग बुझाना शुरू कर दिया। दमकलकर्मियों ने तत्काल मौके पर पहुंच आग पर काबू पा लिया। बताया जा रहा है कि आगजनी के वक्त 100 से अधिक अतिथि विद्वान गहरी नींद में सो रहे थे। कैरीसिन की गंध और धुएं से उनकी नींद खुल गई, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया।
आगजनी के घटना के बाद अतिथि विद्वान तलैया थाने पहुंचे और एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। अतिथि विद्वानों ने घटना को लेकर कहा है कि वे 35 दिन से धरने पर बैठे हैं, लेकिन राज्य सरकार के कानों पर अब तक जूं नहीं रेंगी है। यह घटना सरकार की तरफ से उनके धरने को समाप्त कराने की साजिश है।
इस घटना को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। शिवराज ने सोमवार को ट्वीट करते हुए आगजनी की इस घटना को अकल्पनीय बताया। उन्होंने लिखा है कि - पहले तो अतिथि विद्वानों की मांगें नहीं मानी जा रही और अब उन्हें जिंदा जलाने की साजिश! क्या शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर विरोध करना अपराध है? शासन-प्रशासन से मेरी मांग है कि इनकी सुरक्षा के उचित इंतजाम हों और दोषियों को तुरंत पकड़ा जाए। उन्होंने कहा है कि राज्य की राजधानी भोपाल में भी गुंडों का बोलबाला है। एक तरफ अंधेरे में अतिथि विद्वानों को आग के हवाले करने की कोशिश की गई वहीं दूसरी ओर कोलार क्षेत्र में असामाजिक तत्वों ने नागरिकों की कई गाडिय़ां फूँक डाली।
वहीं, गोपाल भार्गव ने अतिथि विद्वानों के पंडाल में आग की घटना की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर भोपाल में पिछले 35 दिनों से इस सर्द मौसम में धरने पर बैठे अतिथि विद्वान के पंडाल में आग लगा दी गयी, ताकि इनकी आवाज को दबाया जा सके। प्रदेश में जायज मांगों और हक के लिए लडऩा भी अब शायद अपराध है। सीएम कमलनाथ जी इस घटना की उच्चस्तरीय जांच करवाएं।