भोपाल। कमलनाथ सरकार द्वारा प्रदेश में शराब की उपदुकानें खोले जाने के फैसले के बाद प्रदेश की राजनीति में हंगामा मच गया है। विपक्ष में बैठी भाजपा सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध कर रही है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सरकार के इस फैसले के विरोध में सामने आ गए है। उन्होंने शराब की उप दुकानें खोले जाने के फैसले को गंभीर और तबाही लाने वाला बताते हुए कहा है कि मैं राजनैतिक कारण से इसका विरोध नहीं कर रहा हूं बल्कि मप्र का जिम्मेदार नागरकि होने के नाते मुझे प्रदेश के भविष्य की, माताओं बहनों और बेटियों के इज्जत की चिंता है और इसलिए इस विषय पर गंभीरता से सवाल उठा रहा हूं। शिवराज फैसले के खिलाफ मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र भी लिख रहे है।
शुक्रवार को अपने निवास से मीडिया से बातचीत करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राज्य शासन की अधिसूचना मेरे हाथ में है और इस अधिसूचना में प्रदेश में संचालिय मदिरा दुकानों के समूह को शासन द्वारा निर्धारित नियमों और अतिरिक्त वार्षिक मूल्य के भुगतान पर उप दुकान खोलने की अनुमति दी जाती है। इन दुकानों की प्रकृति ऑन श्रेणी की रहेगी और इसी मुख्य दुकान हेतू एक या एक से अधिक उप दुकानें भी स्वीकृत की जा सकेेंगी।
शिवराज ने कहा कि मैं आज मुख्यमंत्री कमलनाथ से सवाल करना चाहता हूं कि उनका यह फैसला मप्र को मदिरा प्रदेश बना देगा। उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार थी तब हमने तय किया था कि मप्र में कोई नई शराब की दुकान नहीं खोली जाएगी। धीरे धीरे जो वर्तमान शराब की दुकाने है उनमें हम कमी करेंगे और हमने दुकानों को बंद करना शुरू कर दिया, लेकिन कमलनाथ सरकार का यह फैसला कि एक या एक से अधिक उप दुकानें खोली जा सकेंगी। एक से अधिक का मतलब केवल एक नहीं है अगर एक खुलती है तो आज जितनी शराब दुकानें मप्र में है वह दुगुनी हो जाएगी और एक से अधिक अगर खोलते है तो वह तिगुनी होगी, चौगुनी होगी या पांच गुना होगी इसका कोई ठिकाना नहीं है।
शिवराज ने कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह मप्र को शराब के नशे में डूबाके तबाह करने की तैयारी है। इस सरकार ने यह फैसला क्यों लिया, सीएम ने क्या शराब माफियाओं के मर्जी से यह फैसला लिया है। शिवराज ने सरकार पर सवाल साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जानते है और नहीं जानते तो मैं बताना चाहता हूं अधिकांश जो अपराध होते है विशेषकर दुष्कर्म जैसे मामले लोग नशे में धुत होकर करते है। नशा अपराध की संख्या कई गुना बढ़ाता है, इस नशे के कारण अपराध होते है, छेड़छाड़ होती है, हत्याएं होती है और अपराधों के मामले में कोई सीमा नहीं होती। शिवराज ने कहा कि यहां केवल शराब की दुकानों का सवाल नहीं है, यह सवाल माताओं बहनों की इज्जत का भी है। यह बेटियों की सुरक्षा का सवाल है। शिवराज ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस आखिर प्रदेश को कहां लेकर जाना चाहती है, क्या आपने अपने वचनवत्र में कहा था कि शराब की दुकाने और उप दुकानें खोलेंगे। मर्जी और मंशा क्या है आपकी, एक तरफ माफियाओं पर कार्रवाई का दम भरते है और दूसरी तरफ शराब माफियाओं के हवाले प्रदेश को कर दिया गया है।
शिवराज ने आगे मुख्यमंत्री कमलनाथ पर हमलावर अंदाज में सवाल साधते हुए कहा कि सरकार आती जाती रहती है, ऐसे फैसले मत लिजिए जो प्रदेश को बर्बाद, तबाह और युवा पीड़ी को खोखला कर दें। अगर एक से अधिक उपदुकानें होगी तो कितनी गांव में दुकानें खुलेंगी और पास में सहजता सरलता से उपलब्ध है, तो कितने लोग उस लत के शिकार होंगे। क्या आप रोजगार नहीं दे पा रहे इसलिए युवा पीढ़ी को नशे में डूबा रहे है ताकि वे मदमस्त पड़े रहे और सरकार के खिलाफ आवाज न उठा पाए। यह षडय़ंत्र है आपका या आप शराब माफियाओं के खजाने भरना चाहते है। यह फैसला प्रदेश को तबाह और बर्बाद करने वाला है। शिवराज ने बताया कि फैसले के खिलाफ मैं सीएम को पत्र लिख रहा हूं और अपील करना चाहता हूं कि प्रदेश को तबाह और बर्बाद करने वाले इस फैसले को सरकार तत्काल वापस ले। जो अधिसूचना जारी की गई है उसको तत्काल निरस्त किया जाए।